कहते हैं कि दूसरों को हंसाने वाले खुद किसी ना किसी गम से गुजर चुके होते हैं। ऐसी ही कई दुखों का सामना कर चुके हैं कॉमेडियन स्टार सुदेश लहरी। जो आज सबको अपनी बातों से खूब हंसाते हैं लेकिन इनका खुद का बचपन बहुत दुखों में बिता।
सुदेश लहरी जो कि पंजाब से ताल्लुक रखते हैं। सुदेश का जन्म एक गरीब फैमिली में हुआ। गरीबी इतनी थी कि उनके पिता के पास उन्हें स्कूल भेजने के भी पैसे नहीं थे। यहीं कारण था कि सुदेश लहरी को अपने बचपन में ही एक चाय की दुकान पर काम करना पड़ा, जहां से ही उन्होंने अपनी पहली कमाई की। वो पहली कमाई 1 रु. थी।
गरीबी के वो दिन सुदेश और उनकी फैमिली ने देखें जब पूरे परिवार के पास सिर्फ एक जोड़ी चप्पल होती थी जब एक बाहर जाता तो दूसरा उसके आने का इंतजार करता ताकि पैरों में पहनने के लिए चप्पलें मिल सके। सुदेश के पिता गहने बनाने का काम करते थे और उन्होंने बेटे को भी वहीं काम सीखाने की कोशिश की लेकिन शायद सुदेश लहरी के नसीब में कुछ और ही लिखा था।
सुदेश लहरी को कॉमेडी, मिमिक्री करने और गाने का शौक था इसलिए वह रामलीला के दौरान या अन्य कुछ इवेंट्स में कॉमेडी, मिमिक्री करते और गाना गाते थे जिनसे उन्हें ऐसे ही थोड़ी बहुत कमाई होती गई। कुछ साल ऐसे ही चलता गया। सुदेश का अपना परिवार बना लेकिन मुश्किलें अभी वहीं थी।
उन्होंने वो दिन भी देखे, जब वह और उनका परिवार पानी में नमक मिलाकर रोटी खाने को मजबूर हो गया था क्योंकि सब्जी लेकर आने के पैसे भी उनके पास नहीं होते थे। आस-पड़ोस से भी वह कई बार उधार ले चुके थे ऐसे ही चलता गया और एक दिन उनका पड़ोसी उन्हें बुलाने आया क्योंकि लोग उनकी कॉमेडी सुनते थे। जब वह वहां गए और वहां मेहमानों के लिए ड्राई-फ्रूट्स रखे थे जो सुदेश ने मुट्ठीभर उठा लिए और जब घर आए तो परिवार को खाने को दिए...
एक बार इवेंट से जुड़े कुछ लोग सुदेश से मिलने आए जो उन्हें ऑनर करना चाहते थे। तब सुदेश ने पूछा था कि 'आप मुझे क्या दोगे तो उन्होंने कहा कि ट्रॉफी... सुदेश ने कहा कि वो ट्रॉफी कितने की होगी तो इवेंट पर्सन ने कहा कि 400-500 रू. की तो उन्होंने कहा कि उनके घर में ऐसी बहुत सी ट्रॉफी पड़ी है वो उनमें से कोई एक ट्रॉफी ले जाए और मुझे पैसे दे दे। उन्होंने ऐसा किया भी और जब सुदेश उस इवेंट में गेस्ट के रूप में पहुंचे तो उन्हें ही वो ट्रॉफी सम्मान के तौर पर दी गई।'
कुछ ऐसे दिन थे जो सुदेश ने अपनी जिंदगी में देखे लेकिन इससे भी बद्तर दिन देखना शायद अभी बाकी था। इतनी तंगहाली की जिदंगी में उनके बेटे की तबीयत खराब हो गई। इलाज के लिए उनके पास पैसे नहीं थे और ना ही कोई कीमती सामान। ऐसे में सुदेश ने अपनी एक घड़ी बेची ।
हालातों से निकले-निकले सुदेश ने कॉमेडी के कई इवेंट्स किए धीरे-धीरे उनका नाम आस-पास के शहरों में फेमस होता गया। लोग उन्हें इवेंट्स में इनवाइट करने लगे। 50 -100 रु. में इवेंट्स करने वाले सुदेश को अब हजार रु. मिलने लगे। उन्हें शोहरत मिलना शुरू हो गया। उन्होंने अपनी कॉमेडी की ऑडियो कैसेट भी निकाली जो काफी पसंद की गई। इसके बाद उनका एक शो भी आया जिसने उन्हें खूब शोहरत दिलाई । उस समय तक कॉमेडी की अलग डिमांड होने लगी थी।
इसी दौरान सुदेश को जानकारी हुई कि कॉमेडी से जुड़ा एक शो 'द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज' है जिसमें उन्हें अच्छा मौका मिल सकता है। सुदेश ने इसके तीसरे सीजन में पार्टिसिपेट किया, जिसमें उनके साथ के कंटेस्टेंट कोई और नहीं बल्कि कपिल शर्मा और चंदन प्रभाकर थे। बस उसी वक्त से जालंधर से उनका मुंबई का सफर तय हुआ। उसके बाद रास्ते अपने आप बनते गए। इससे आगे उन्हें मौका मिला कॉमेडी सर्कस में। जिसमें उनके पार्टनर थी कृष्णा अभिषेक। दोनों की जोड़ी को लोगों का बहुत प्यार मिला। दोनों ने लोगों का खूब मनोरंजन किया।
उसके बाद सुदेश को फिल्मों में कॉमेडी करने का भी मौका मिला। उन्होंने 2011 में गोविंदा की एक फिल्म 'नॉटी एट फॉटी' में 1 मिनट का रोल किया जो लोगों को काफी पसंद आया । उसके बाद अनीस बज्मी की टीम का उन्हें कॉल आया। अनीस बज्मी एक सिंगल सीन के लिए सुदेश लहरी को लेना चाहते थे। इसके लिए सुदेश ऑडिशन देने भी गए। उन्होंने बैठकर अनीस बज्मी से काफी लंबा टाइम बातें भी की। इसके बाद उन्होंने बाद में बात करने को कहा और सुदेश को लगा कि शायद ऑडिशन पसंद नहीं आया लेकिन अगले दिन फिर अनीस बज्मी की टीम से उन्हें कॉल आया तब उन्होंने कहा कि वो अब फिल्म में एक लंबे सीक्वेस कॉमेडी का किरदार उन्हें देना चाहते हैं जो थ्रू आउट फिल्म में चलते जाएगा। वो फिल्म रैडी थी जिसमें उन्हें सलमान खान के साथ काम करने का मौका मिला। इसके बाद सुदेश ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। उन्होंने कई फिल्मों में कॉमेडी रोल किए।
आज की बात करें तो सुदेश आज वेल सेटल हो गए हैं। आज उनके पास कई इवेंट्स हैं। कभी उनके पास पहनने के लिए चप्पल नहीं होती थी लेकिन आज वह कई लग्जरी गाड़ियों के मालिक हैं और उनके पास पंजाब और मुंबई दोनों जगह अपना घर है। एक चीज जो सुदेश लहरी के पास थी वो थी मेहनत। इसी मेहनत के बदौलत वह आगे बढ़ते गए और सफलता पाते गए। आपको सुदेश लहरी की स्ट्रगलिंग स्टोरी कैसी लगी हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।