साफ हवा में सांस लेने से त्वचा की ग्लोइंग होती है। शुद्ध पानी पीने से स्किन लंबे समय तक जवां बनी रहती है। आपने देखा ही होगा की हमारी दादी-नानी कि 60-70 की उम्र में भी स्किन दमकती थी, जबकि वो कोई ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल नहीं करती थीं। इसकी सबसे बड़ी वजह थी शुद्ध Environment। आपको बता दें कि शुद्ध Environment एक नहीं बल्कि पूरे 4 तरीकों से आपकी स्किन की जवानी को बढ़ाता है...
नहीं पड़ती है महंगी क्रीम्स की जरूरत
Environment साफ हो तो यकीन मानिए ऐसी जगहों में रहने वाले लोगों को ना तो महंगी क्रीम्स की जरूरत पड़ती है और ना ही पार्लर ट्रीटमेंट्स की। क्योंकि इनकी त्वचा का पीएच लेवल सही पर्यावरण के कारण संतुलित बना रहता है। ऐसे में सिर्फ साफ पानी से चेहरा धोने और मलाई या शहद लगाने भर से स्किन ग्लो करने लगती है।
नहीं बूढ़ी होती त्वचा
Environment साफ होने का मतलब है हवा और पानी में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा होना। Environment में जहरीली गैसें बेहद कम या बिल्कुल ना होना। ऐसे में जब सांस के जरिए और पानी के जरिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन शरीर के अंदर पहुंचती है तो स्किन की रिपेयरिंग स्पीड बढ़ जाती है। और झुर्रियां तथा झाइयां त्वचा पर अपना असर नहीं दिखा पाती हैं। नतीजा यह होता है कि स्किन की इलास्टिसिटी और टाइटनेस बनी रहती है।
अंदर से झलकती है खूबसूरती
साफ Environment में रहने से शरीर में हॉर्मोन्स का स्तर सही बना रहता है। इसकी वजह मुख्य रूप से ऑक्सीजन का सही मात्रा में उपलब्ध होना होता है। क्योंकि जब शरीर में ऑक्सीजन सही मात्रा में पहुंचती है तो स्ट्रेस और एंग्जाइटी जैसी मानसिक समस्याएं हमारे दिमाग पर हावी नहीं हो पाती हैं। इस कारण ब्रेन के अंदर हैपी हॉर्मोन्स का सीक्रेशन सही तरीके से होता रहता है, जिसका साफ असर आपकी त्वचा के ग्लो पर दिखाई देता है।
उदासी दूर रहती है
साफ पर्यावण में रहने वाले लोगों से उदासी दूर रहती है। जब हवा,पानी और आसमान साफ होते हैं तो प्रकृति के सानिध्य से तन और मन दोनों सालों-साल जवां बने रहते हैं। इस कारण चेहरे पर फाइन लाइन्स, रिंकल्स और क्रोज फीट जैसी दिक्कतें नहीं होती हैं।
बस इतना-सा करना है आपको
प्राकृतिक रूप से सालों-साल जवां बने रहने के लिए आपको कुछ छोटी-छोटी लेकिन बेहद खास बातों पर ध्यान देना होगा। जैसे,
घर के आस-पास के माहौल को साफ-सुथरा रखें।
प्लास्टिक का कम उपयोग करें।
खाना बर्बाद होने से रोकें।
घर में अधिक से अधिक गमले लगाएं।
नल खुला ना छोड़ें और छत की टंकी से पानी ना बहने दें।
जितना हो सके त्वचा पर हर्बल चीजों का उपयोग करें।
भोजन में पेस्टीसाइट्स का कम से कम उपयोग करें।
प्रिजर्वेटिव्स युक्त डिब्बाबंद भोजन खाने से बचें।