नारी डेस्क: बड़ों के साथ-साथ कई बार बच्चों का भी सिर दर्द होने लगता है। इसके पीछे का कारण घंटों टी.वी व मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना, तनाव आदि हो सकता है। इसके कारण बच्चे में चिड़चिड़ापन, रोना, चिलाना आदि कई बदलाव देखने को मिलते है। मगर लगातार सिरदर्द होने से कोई गंभीर समस्या भी हो सकती है। चलिए आज हम आपको बच्चे के सिरदर्द की समस्या से जुड़ी बातें विस्तार से बताते हैं...
सिरदर्द होने के प्रकार
- बच्चे को लगातार सिरदर्द माइग्रेन के कारण हो सकता है। इसमें बच्चे को आधे सिर में दर्द महसूस होता है। इसके पीछे का कारण तनाव व अनिद्रा होती है। इसके अलावा कई बार चक्कर, उल्टी भी आती है।
- तनाव होने से भी बच्चे को सिर में असहनीय दर्द सा सामना करना पड़ता है। यह तनाव घर या स्कूल किसी भी वजह से होक सकता है।
- कई बच्चों को रोजाना सिरदर्द की शिकायत होती है। इसे क्रोनिक दर्द कहा जाता है। इसके पीछे का कारण कोई चोट लगाना या किसी तरह की दवाई का सेवन करना हो सकता है।
- क्लस्टर दर्द में लगातार नहीं बल्कि थोड़े-थोड़े समय में बच्चे को सिरदर्द की समस्या होती है। यह आमतौर पर 10 साल से कम उम्र के बच्चों को होती है।
चलिए जानते हैं इसके कारण
- सिर में गहरी चोट लगना
- सामान्य सर्दी, खांसी, जुकाम से भी बच्चे को यह समस्या हो सकती है।
- गलत खानपान व लाइफ स्टाइल
- कई बच्चों के ब्रेन में ट्यूमर, फोड़ा व मस्तिष्क में रक्तश्राव जैसे गंभीर कारणों से भी सिरदर्द की शिकायत होती है।
बच्चों में सिरदर्द होने पर दिखने वाला लक्षण
- जरूरत से ज्यादा पसीना आना
- कम दिखना
- तेज आवाज ना सुन पाना व बर्दाशत ना करना
- चक्कर, उल्टी, मितली आना
- तनाव होना
- पैरों में कमजोरी महसूस होना
- छींकने या खांसने के दौरान सिरदर्द
- नींद से जगाने के तुरंत बाद सिरदर्द होना
- बच्चे के नेचर में चिड़चिड़ापन, उदासी आदि बदलाव आना
- कई बार मिर्गी के दौरे पड़ना
बच्चे में सिरदर्द का इलाज
बच्चे में ऐसे लक्षण देखने पर बिना देर किए डॉक्टर की सलाह लें। इसके लिए डॉक्टर कुछ दर्द भगाने के दवाएं देते हैं। इसके अलावा कई मामलों में थेरेपी के द्वारा भी सिरदर्द की समस्या कम की जाती है। दूसरी ओर माइग्रेन को ठीक करने के लिए दवाओं का सहारा लिया जाता है। मगर बच्चे को किसी भी तरह की दवा खुद खिलाने से बचना चाहिए। इसके जरूरी है कि आप किसी एक्सपर्ट की सलाह लें।
ऐसे करें बचाव
- घर का माहौल खुशनुमा रखें। ताकि बच्चे तनाव में ना आए।
- सिरदर्द होने पर बच्चे के सिर पर बर्फ से सिंकाई करें।
- बच्चे की नींद पूरी ना होने से भी सिरदर्द की शिकायत होती है। इसलिए बच्चे की नींद का ध्यान रखें।
- बच्चे को खाने में पौष्टिक चीजें दें।
- पानी की कमी ना होने दें। इसके लिए समय-समय पर बच्चे को पानी, जूस आदि पिलाएं।