भारतीय खिलाड़ियों के लिए 9 जनवरी का दिन बहुत ही खास रहा। इस दिन राष्ट्रपति भवन में बेहद भव्य समरोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म ने 26 खिलाड़ियों को अपने क्षेत्र में लाजवाब प्रदर्शन कर देश का नाम ऊंचा करने के लिए सम्मानित किया । क्रिकेटर मोहम्मद शामी के अलावा हाल ही में शतरंज के ग्रैंडमास्टर बने भाई- बहन के जोड़े वैशाली और प्रज्ञानानंद को भी अवॉर्ड देकर सम्मानित किया गया। बता दें कोनेरू हम्पी और द्रोणावल्ली हरिका के बाद ग्रैंडमास्टर बनने वाली वैशाली देश की तीसरी महिला खिलाड़ी हैं। पिछले साल स्पेन के एल लोब्रेगाट ओपन में 22 साल की वैशाली ने 2500 ईएलओ रेटिंग का आंकड़ा पार कर तुर्किये के तैमर तारिका सेल्बेस को हरा दिया था।
बचपन से ही चेस के उस्ताद बन गए थे प्रगनानंद- वैशाली
प्रगनानंद और उसकी बहन वैशाली को शतरंज के खेल से उनके पिता ने वाखिफ करवाया था और वो खुद भी एक शानदार चेस प्लेयर थे। वैशाली ने महज साल की उम्र में ही चेस की कोचिंग सेनी शुरु कर दी थी। उन्होंने स्टेट और नेशनल लेवल के कई टूर्नामेंट्स भी जीते हैं। इस तरह से उन्होंने ग्रैंडमास्टर बनने का लंबा सफर तय किया है। वहीं वैशाली के छोटे भाई प्रगनानंद ने साल 2018 में महज 12 साल की उम्र में ही जीएम का खिताब जीत लिया था। जब वो सिर्फ 12 साल के थे। हंपी जीएम खिताब प्राप्त करने वाली विश्व की सबसे युवा महिला खिलाड़ी हैं।
चेस में सब को मत दे रहा है ये भाई- बहन का जोड़ा
दोनों भाई- बहन लगातार चेस के खेल में सब को मात देकर सफलता हासिल कर रहे हैं। दोनों ने ही कई मेडल्स अपने नाम किए हैं, जिनमें ओलंपिक में डबल्स बॉन्ज और एशियन गेम्स में डबल्स सिल्वर भी शामिल हैं। उनका शानदार प्रदर्शन सब के होश उड़ा रहा है और विदेश में देश का सीन गर्व से चौड़ा करने के लिए ही उन्हें वैशाली और प्रज्ञानानंद को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया है।