आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर देश भर में अलग ही नजारा देखने को मिला। आजादी का जश्न अंतरिक्ष से समुद्र तक जमीन से आसमान तक मनाया जा रहा है। अंतरिक्ष विज्ञान के संबंध में देश में जागरूकता को बढ़ावा देने वाले एक संगठन द्वारा तिरंगे को एक गुब्बारे के माध्यम से धरती से 1 लाख 6 हजार फिट की ऊंचाई पर भेजा और वहां इसे फहराया गया। ‘‘बैलूनसैट’’ की मदद से करीब 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर भारतीय तिरंगा फहराया गया।
चेन्नई स्थित संगठन स्पेस किड्ज ने अपने सोशल मीडिया मंच पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें फहराते तिरंगे को देखा जा सकता है। हीलियम गैस से भरे बैलून के जरिए तिरंगा को फहराया गया। स्पेस किड्ज इंडिया की संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती केसन ने कहा- हमने इस साल 27 जनवरी को चेन्नई से बैलूनसैट छोड़ा था। इसने करीब 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर भारतीय तिरंगा फहराया।"
केसन ने कहा कि कहा कि बैलूनसैट से जुड़े विशेष कैमरे की मदद से अंतरिक्ष में फहराते तिरंगे का वीडियो बनाया गया। स्पेस किड्ज ने देश भर के सरकारी स्कूल की 750 छात्राओं को आजादीसैट-1 विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया है। संगठन ने ये भी कहा, यह उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान और श्रद्धांजलि का प्रतीक है, जो हर दिन भारत को गौरवान्वित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं.
आजादीसैट-1 को सात अगस्त को लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी-डी1) की पहली उड़ान से प्रक्षेपित किया गया था। लेकिन एसएसएलवी-डी1 उसे वांछित कक्षा में स्थापित करने में विफल रहा। केसन ने कहा कि आजादीसैट-1 तैयार करने में 68 लाख रुपये खर्च किए थे। अब संगठन आजादीसैट-2 के निर्माण के लिए निवेशकों की तलाश कर रहा है।