25 NOVMONDAY2024 3:42:06 PM
Nari

दिल्ली बनी क्राइम कैपिटल, सुरक्षित नहीं यहां महिलाएं

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 17 Mar, 2021 02:14 PM
दिल्ली बनी क्राइम कैपिटल, सुरक्षित नहीं यहां महिलाएं

एक तरफ जहां देश में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा लगाया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ अभी भी बेटियां व महिलाएं सुरक्षित नहीं है। खासकर दिल्ली में महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों में लगातार वृद्धि होती जा रही है। महिलाओं के साथ लगातार बढ़ते अपराध इंसानियत को शर्मसार करने लगे हैं। देश में महिलाएं इतनी असुरक्षित हैं कि उन्हें घर से बाहर निकलते हुए भी डर लगता है।

क्राइम में सबसे आगे राजधानी दिल्ली

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई कैंपन चलाए जा रहे हैं लेकिन बावजूद इसके महिलाएं असुरक्षित हैं। बालात्कार, छेड़छाड़ जैसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए कड़े कानून भी बनाए गए हैं लेकिन जितने कड़े कानून बने हैं उससे कहीं ज्यादा महिलाओं के प्रति अपराध बढ़े हैं। हैरानी की बात तो यह है कि महामारी के कारण लगे लॉकडाउन में भी दिल्ली में बढ़े स्नेचिंग के मामले बढ़े हैं। लॉकडाउन में महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा, बालात्कार, छेड़छाड़ वाले आंकड़े तो और भी डराने वाले हैं।

PunjabKesari

जब चैन स्नैचिंग के कारण महिला को गंवानी पड़ी जान

सिर्फ रेप ही नहीं बल्कि महिलाओं के साथ छेड़छाड़, चैन स्ननैचिंग जैसे मामले भी काफी देखने को मिल रहे हैं। कुछ समय पहले दिल्ली में चैन स्नैचिंग की एक ऐसी ही घटना सामने आई थी, जिसमें एक महिला को जान गंवानी पड़ी। बता दें कि दिल्ली (Delhi) के आदर्श नगर में एक 25 साल की महिला गोद में 2 साल की मासूम बच्ची को लिए बाजार से शॉपिंग करके लौट रही थी कि तभी चेन स्नैचर ने सिमरन के गले से चेन खींचनी चाही। जब सिमरन ने उसका विरोध किया तो बदमाश गर्दन पर चाकू से 2 बार वार करके फरार हो गया। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया लेकिन सिमरन को बचाया ना जा सका। ​यह पूरी घटना सीसीटीवी (CCTV) में रिकॉर्ड हो गई थी।

दिल्ली में बढ़े चैन स्नैचिंग के मामले

चैन स्नैचिंग के मामले तो इस कद्र बढ़े हैं कि महिलाएं छोटे गहने और आर्टिफियल गोल्ड या सिल्वर पहनने से भी डरती हैं। पुलिस के डाटा की मानें तो लॉकडाउन के बावजूद भी स्नैचिंग के मामले कम नहीं हुए हैं। आंकड़ें देखें तो पता चलता है कि 2015 में महिलाओं के साथ होने वाले चैन स्नैचिंग की संख्या 9896 थी। 2006 में  9571, 2007 में यह संख्या 8231 थी। वहीं, 2018 में यह संख्या 6932 और 2019 में 6266 हो गई।

सामने आए डेटा के हिसाब से पता चला है कि ज्यादातर अपराधी नौजवान और फर्स्ट टाइमर थे जिनका पिछला कोई भी अपराधिक रिकाॅर्ड दर्ज नहीं था। स्नैचिंग को एक आसान अपराध माना जाता है, जो ज्यादातर महिलाओं को निशाना बनाता है।

PunjabKesari

क्या कहता है सर्वे?

'ease of living' इंडेक्स में 13वां स्थान हासिल करने वाले देश को यह भी सोचना होगा कि कैसे इन समस्याओं को कम किया जाए। सर्वे में जब गृहिणियों और कामकाजी महिलाओं से पूछा गया कि वो सार्वजनिक स्थल, पब्लिक ट्रांसपोर्ट या काम के बाद घर जाते समय कितना सुरक्षित महसूस करती हैं तो ज्यादातर महिलाओं का जवाब था कि वो डर महसूस करती हैं। रिपोर्टस की मानें तो महिलाओं को स्नेचिंग का ज्यादा डर अपने घर के पास होता है। अपराध कम करने के लिए जरूरी है कि महिलाएं जिस गली और जिस रास्ते से गुजरें वहां स्ट्रीट लाइट्स और पुलिस गशत कर रही हो।

'रेप कैपिटल' कही जाने लगी दिल्ली

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़े देखें तो 
साल 2011 से 2016 के बीच राजधानी दिल्ली में महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामलों में 277% बढ़े हैं। जबकि 2011 में बालात्कार के 572 मामले दर्ज किये गए थे और 2016 तक यह आंकड़ा 2155 तक पहुंच गया। दिल्ली में दिन ब दिन बढ़ते दुष्कर्म के आंकड़ें काफी चौंकाने वाले हैं। अकेले साल 2017, जनवरी में दुष्कर्म के 140 मामले दर्ज किए गए थे जबकि मई, 2017 में यह संख्या 836 हो गई।

PunjabKesari

महिलाओं का कहना है कि अगर उनके पास सुरक्षा ही नहीं है तो अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस व्यर्थ है। वहीं, संसद मौर्चा महिलाओं का भी यही मानना है कि महिला सशक्तिकरण की बात करने के बावजूद भी देश की महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं।

Related News