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भारत माता के लिए आखिरी सांस तक लड़े मोहम्मद इम्तियाज, इस देशभक्त के घर का नाम सुन आपको भी होगा गर्व

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 12 May, 2025 10:47 AM
भारत माता के लिए आखिरी सांस तक लड़े मोहम्मद इम्तियाज, इस देशभक्त के घर का नाम सुन आपको भी होगा गर्व

नारी डेस्क: मातृभूमि की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज का पार्थिव शरीर आज पटना लाया गया। पटना एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार श्रद्धांजलि देंगे और इससे बाद सारण जिले में गड़खा थाना क्षेत्र के उनके पैतृक गांव नारायणपुर में उन्हें सुपुर्दे खाक किया जाएगा। बिहार के इस लाल ने दुश्मनों से लोहा लेते हुए देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। 

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 शहीद मोहम्मद इम्तियाज का राज्य सरकार की ओर से पुलिस सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। इससे पहले जम्मू सीमा सुरक्षा बल के आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा था- 'हम 10 मई 2025 को आर एस पुरा क्षेत्र, जिला जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर क्रॉस बॉडर्र फायरिंग के दौरान राष्ट्र की सेवा में बीएसएफ के बहादुर सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं।' पोस्ट में कहा गया, 'बीएसएफ सीमा चौकी का नेतृत्व करते हुए सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज ने आगे बढ़कर वीरतापूर्वक नेतृत्व किया। डीजी बीएसएफ और सभी रैंक उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। 
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वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने  सारण जिले के गरखा थाना क्षेत्र के नरायणपुर गांव निवासी शहीद इम्तियाज की वीरगति पर  कहा था कि देश उनकी शहादत को हमेशा याद रखेगा। उन्होंने कहा कि वे इस घटना से अत्यंत मर्माहत हैं और इस दुख की घड़ी में वे शहीद के परिजनों के साथ हैं। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहने की शक्ति मिले।  मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि शहीद मोहम्मद इम्तियाज के निकटतम आश्रित को राज्य सरकार की ओर से अनुमन्य सम्मान राशि दी जाएगी तथा उनका अंतिम संस्कार राज्य सरकार द्वारा पुलिस सम्मान के साथ कराया जाएगा।

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बताया गया कि शहीद और उनके भाई ने बचपन से ही सेना की वर्दी पहनने का सपना देखा था। जब सपने साकार हुए तो भाइयों ने मिलकर अपने गांव में एक घर बनाया था, जिसका नाम उन्होंने ‘सीमा प्रहरी निवास’ रखा था यह नाम उनके देशभक्ति और सेवा भाव को दर्शाता है।  इम्तियाज तीन भाइयों में सबसे बड़े थे. मो. इम्तियाज और उनके मंझले भाई दोनों बीएसएफ में नौकरी करते हैं। एक भाई देश के लिए शहीद हो गया जबकि दूसरा देश की सेवा में जुटा है। शहीद सब इंस्पेक्टर मो इम्तियाज की पत्नी शाहनाज अजीम गृहिणी हैं और उनके दो पुत्र और दो पुत्रियां हैं

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