इन दिनों हार्ट अटैक व ब्रेन स्ट्रोक के कई मामले सामने आ रहे हैं, जिसके चलते कुछ लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ती है। आकड़ों के अनुसार, भारत में हर तीन मिनट में एक व्यक्ति ब्रेन स्ट्रोक की चपेट में आता है। इसी बीच दावा किया गया है कि Depression के लक्षण वाले लोगों में मस्तिष्काघात (स्ट्रोक) का जोखिम ज्यादा होता है।
Depression दुनियाभर में लोगों को कर रहा है प्रभावित
आयरलैंड स्थित गॉलवे विश्वविद्यालय के हालिया अध्ययन में इस बात का दावा किया गया है। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि अवसाद के लक्षण वाले लोगों के स्ट्रोक के बाद ठीक होने और सामान्य जीवन में लौटने की संभावना काफी कम होती है। मुख्य शोधकर्ता रॉबर्ट पी मर्फी ने कहा- “अवसाद दुनियाभर में लोगों को प्रभावित करता है और इसका किसी व्यक्ति के जीवन पर बड़े पैमाने पर असर हो सकता है।”
Depression का शिकार लोगों पर ध्यान देने की जरूरत
इस अध्ययन में कहा गया है कि अवसाद के लक्षण किसी व्यक्ति के मस्तिष्काघात से पीड़ित होने का जोखिम बढ़ाते हैं। यह जोखिम दुनियाभर में सभी उम्र वर्ग के लोगों में समान स्तर पर पाया गया है। अध्ययन में यह भी देखा गया कि अवसाद के लक्षण वाले प्रतिभागियों में बिना लक्षण वाले लोगों के मुकाबले मस्तिष्काघात का शिकार होने का खतरा 46 फीसदी अधिक था। इसमें पाया गया कि जिन प्रतिभागियों में अवसाद के पांच या उससे ज्यादा लक्षण थे, उन्हें बिना लक्षण वाले लोगों की तुलना में मस्तिष्काघात होने का जोखिम 54 प्रतिशत अधिक था।
किसे है स्ट्रोक का ज्यादा खतरा?
व्यक्ति को किसी भी उम्र में स्ट्रोक का खतरा हो सकती है। चिंता की बात तो यह है कि आज 12% स्ट्रोक के मरीज 40 से कम उम्र के होते हैं। जिन लोगों को हाई ब्लड प्रैशर, डायबिटीज और हाई क्लोस्ट्रॉल की समस्या है उन्हें इसका संभावना सबसे ज्यादा होती है। वहीं गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन कर रही महिलाएं भी इसकी चपेट में जल्दी आ जाती हैं।
इन्हें बचाव की अधिक जरूरत
हाई ब्लड प्रैशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, एनिमिया, माइग्रेन और डायबिटीज के मरीजों में इसकी संभावना अधिक होती है इसलिए इन्हें अधिक सावधानी बरतनी चाहिए। इसके अलावा...
- 55 साल से अधिक उम्र के लोग
-फिजिकल एक्टिविटी कम करने वाले
- जन्मजात रक्तवाहिनी रोगी
-धूम्रपान, शराब अधिक लेना
-मोटे और सुस्त लोग
स्ट्रोक के लक्षण
स्ट्रोक का सबसे सामान्य लक्षण होता है शरीर के किसी एक ओर के हिस्से में कमजोरी या लकवा जैसी स्थिति होना। स्ट्रोक आने पर मरीज एक तरफ से हाथ व पैर भी नहीं हिला पाता। बोलने में दिक्कत कम सुनाई देना और धुंधला दिखना भी इसमें शामिल है। लक्षण दिखते ही मरीज को तुरंत अस्पताल में ले जाए। ध्यान रखें कि उस अस्पताल में 24 घंटे 7 सीटी स्कैन, एमआरआई की सुविधा होनी चाहिए।