नारी डेस्क: हींग (Asafoetida) भारतीय रसोई का एक ऐसा मसाला है, जिसकी खुशबू और स्वाद किसी भी डिश को खास बना देते हैं। लेकिन अब न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स इसे सिर्फ मसाला नहीं, बल्कि प्राकृतिक औषधि मान रहे हैं। हाल ही में न्यूट्रिशनिस्ट श्वेता शाह पांचाल और योगाचार्य पुरुषार्थी पवन आर्य ने बताया कि हींग को नाभि में लगाने से पेट की कई समस्याओं से राहत मिल सकती है।
नाभि में हींग लगाने से पेट की तकलीफों में राहत
योगाचार्य पवन आर्य के अनुसार, अगर किसी को गैस, अपच या ब्लोटिंग (पेट फूलना) की समस्या है, तो नाभि में हींग लगाना बहुत लाभदायक साबित हो सकता है। यह उपाय पाचन क्रिया को सुधारता है, पेट की सूजन कम करता है और शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। यह एक प्राचीन आयुर्वेदिक नुस्खा है, जो अब फिर से लोगों में लोकप्रिय हो रहा है, क्योंकि यह पूरी तरह से प्राकृतिक और बिना किसी साइड इफेक्ट वाला उपचार है।
आयुर्वेद के अनुसार नाभि शरीर का ऊर्जा केंद्र
आयुर्वेदिक दृष्टि से नाभि को शरीर का केंद्र बिंदु माना गया है। यहीं से हजारों नसें पूरे शरीर में फैलती हैं, इसलिए किसी भी औषधि या तेल को नाभि पर लगाने से उसका असर पूरे शरीर में फैल जाता है। इसी वजह से हींग लगाने से इसके औषधीय गुण सीधे शरीर की अंदरूनी प्रक्रियाओं तक पहुंचते हैं और जल्दी असर दिखाते हैं।

हींग के औषधीय गुण शरीर को मिलते हैं कई फायदे
हींग में एंटी-ब्लोटिंग, एंटी-बैक्टीरियल, और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। ये पेट की गैस, भारीपन, सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं। नियमित रूप से इसका प्रयोग करने से न केवल पाचन बेहतर होता है बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) भी मजबूत होती है। यह शरीर में जमा टॉक्सिन्स को निकालने और पाचन को सहज बनाने का काम करता है।
महिलाओं के लिए भी बेहद फायदेमंद
आयुर्वेद के अनुसार, हींग न केवल पाचन बल्कि महिलाओं की मासिक धर्म संबंधी समस्याओं में भी राहत देती है। नाभि में इसे लगाने से पेट की ऐंठन और सूजन कम होती है, जिससे दर्द में आराम मिलता है। पेट शांत रहने से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है और व्यक्ति सुबह तरोताज़ा महसूस करता है।
लगाने की सही विधि
योगाचार्य पवन आर्य के अनुसार, आधा चम्मच हींग को एक चम्मच अरंडी के तेल में मिलाएं और हल्का गुनगुना कर लें। फिर इसे सोने से पहले नाभि और आसपास के हिस्से पर हल्के हाथों से मालिश करते हुए लगाएं। रातभर इसे लगा रहने दें और सुबह गुनगुने पानी से साफ करें। यह एक सरल लेकिन असरदार घरेलू उपाय है, जो आप रोज़ाना या हफ्ते में कुछ बार कर सकते हैं।
अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है, तो हींग लगाने से पहले पैच टेस्ट जरूर करें। हींग की मात्रा बहुत ज्यादा न लें, क्योंकि इससे हल्की जलन या एलर्जी हो सकती है। गर्भवती महिलाएं इस उपाय को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या किसी आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह लें।
नाभि पर लगाने से पहले उसे साफ और सूखा रखना भी बहुत ज़रूरी है।

हींग सदियों पुराना औषधीय खज़ाना
हींग केवल एक मसाला नहीं, बल्कि सदियों पुरानी औषधीय परंपरा का हिस्सा है। नाभि में इसे लगाने की पद्धति आज फिर से लोकप्रिय हो रही है क्योंकि यह न केवल पेट की बीमारियों से राहत देती है, बल्कि शरीर को संतुलित और मन को शांत रखने में भी मददगार है। अगर इसे सही तरीके से अपनाया जाए, तो यह एक प्राकृतिक दवा के रूप में आपके घर की रसोई में हमेशा मौजूद रहती है।