ऐसा कहा जाता है कि प्रेगनेंसी के समय मां जो कुछ भी करती है उसका प्रभाव उसके बच्चे पर भी दिखाई देता है। अगर महिला स्वस्थ और खुश रहेगी तो बेबी की ग्रोथ भी बेहतर होती है। वैसे तो गर्भावस्था के दौरान शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिसके कारण गुस्सा, जलन और तनाव झेलना पड़ता है लेकिन फिर भी आप खुद को कई तरीकों से खुश और तनावमुक्त रख सकती हैं। यहां हम आपको बताएंगे कि महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान कैसे रखें खुद को खुश...
प्रेगनेंसी में खुश रहना क्यों जरूरी?
जब मां खुश होती है तो बच्चे का मानसिक विकास काफी बेहतर तरीके से होता है। ऐसे में अगर महिला अपने प्रेगनेंसी पीरियड को अच्छी तरह एन्जॉय करती है तो यह न केवल महिला के स्वास्थ्य में सुधार करता है बल्कि बच्चे के मानसिक विकास पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है।
दर्द से मिलेगा आराम
खुश रहने से शरीर में हैप्पी हार्मोन रिलीज होता है, जो कमर, सिर और पैरों के दर्द से आराम दिलाता है। यह शरीर में सूजन और थकान जैसी सभी समस्याओं को कम करता है।
बच्चे का दिमाग होगा एक्टिव
मां की हंसी का भ्रूण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे वो एक्टिव हो जाता है। इससे उसकी मस्तिष्क की कोशिकाओं का विकास बहुत अच्छी तरह है और बच्चा बहुत तेज दिमाग व खुशमिजाज का निकलता है।
खुश रहने के लिए क्या करें?
. खुश और तनावमुक्त रहने के लिए सबसे जरूरी है कि आप योग करें। प्रेगनेंसी में स्ट्रेस फ्री रहने के लिए आप योगा, डांस या लॉफिंग क्लीसेज भी ले सकती हैं। इससे तनाव कम होगा और मूड भी फ्रेश रहेगा।
. प्रेगनेंसी के दौरान वही काम करें जो आपको अच्छा लगता है। आप पेटिंग, सिंगिंग, स्केचिंग, राइटिंग कर सकती हैं। इससे शिशु का दिमाग भी तेज होगा।
. खुद को उन चीजों से दूर रखें जो आपको तनाव दें। किसी को नुकसान न पहुंचाएं और न ही सुनें। इससे आपका ही मन अशांत रहेगा।
. अच्छी और प्रेरणादायक किताबें पढ़ें। इससे भी आप तनाव से बची रहेंगी और शिशु के दिमाग पर भी अच्छा असर पड़ेगा।
. सुबह -शाम, जब भी समय मिले 'ओम' की उच्चारण भी करें। ओम का जाप करने से मन व दिमाग में सकारात्मकता आती है और तनाव कम होता है। इससे मूड भी फ्रैश होता है।
. परिवार के साथ जितना हो सके समय बिताएं।