उत्तर प्रदेश की महिलाओं ने स्वयं सहायता समूह के माध्यम से केले और सब्जी की खेती कर पूरे गांव की महिलाओं की जिंदगी बदल दी। लखनऊ के बीकेटी तहसील में सुनीता देवी, प्रीति, सावित्री जैसी 15 महिलाएं है जो केले और सब्जी की खेती कर अपने लिए और गांव की अन्य महिलाओं के लिए रोजगार पैदा कर रही हैं। इस बिजनेस में सफल परिणाम मिलने के बाद लखनऊ के अन्य 08 विकासखंडों में भी इस खेती को बढ़ावा मिलने लगा है।
महिलाओं को केले और सब्जी की खेती के लिए दी जी रही है ट्रेनिंग
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए महिलाओं को केले और सब्जी की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के साथ ही उनको इस काम में बकायदा ट्रेनिंग भी दी जा रही है। तीन की ट्रेनिंग में महिलाओं को हाईटेक हार्टिकल्चर द्वारा आधुनिक विधि से औद्योगिक खेती, आजीविका संवर्धन, कृषि आधारित क्षमता विकास, खाद्य प्रसंस्करण, मूल्य संवर्द्धन और पशुपालन की ट्रेनिंग दी जा रही है। इतना ही नहीं महिलाओं के इन समूहों की किसान महिलाओं को टिकाऊ खेती करने के लिए जागरूक किया जा रहा है साथ में महिलाओं को इनमें काम करने के लिए प्रशिक्षित भी किया जा रहा है।
महिलाएं 15 हजार रुपए से कर रही केले और सब्जी की खेती
इस मिशन के तहत अब तक महिलाएं 15 हजार रुपए समूह से लेकर केले और सब्जी की खेती कर रही है। इसके साथ ही महिलाओं ने यहां पशुपालन भी करना शुरू कर दिया है। अकेले बीकेटी में 12 समूहों में 131 महिला सदस्य जुड़ी हैं। इनकी ओर से 10 हजार रुपए समूहों से लेकर परचून व किराना की छोटी दुकानें भी शुरू की जा रही है।
केवल खेती ही नहीं बिजली बिल कलेक्शन का भी काम रही हैं महिलाएं
महिलाओं के इस बिजनेस और मिशन के जरिए किए जा रहे इन प्रयासों से आर्थिक स्तर में काफी सुधार आया है। बीकेटी के बाहरगांव की सुनीता देवी ने बताया कि समूह की सदस्य बिजली बिल कलेक्शन का भी काम रही हैं।