"अगर किसी चीज़ को दिल से चाहो तो पूरी कायनात तुम्हें उससे मिलाने में लग जाती है"। सूनने में यह डायलॉग काफी फिल्मी लगता है और हो भी क्यों ना, ये शब्द फिल्म 'ओम शांति ओम' में शाहरुख खान ने कहे थे, लेकिन इन शब्दों को सच कर दिखाया जोधपुर की सड़कों पर झाड़ू लगाने वाली आशा कंडारा ने। अपनी सफाई कर्मी की जॉब करते हुए ही आशा ने आरएएस 2018 की परीक्षा की तैयारी की और साथ ही अपने दो बच्चों को भी संभला। वाकई सफाई कर्मी से राजस्थान डिप्टी कलेक्टर बनने तक का आशा का सफर सबके लिए एक मिसाल है।
पति ने शादी के 5 साल बाद छोड़ा साथ
आशा के पति ने कभी उसका साथ नहीं दिया और शादी के 5 साल बाद पति ने अखिकार झगड़कर उसे छोड़ दिया। अब खुद के साथ-साथ 32 साल कि आशा पर अपने दो बच्चों कि भी जिम्मदारी थी। ऐसी परिस्थिति जिसमें कोई भी औरत हार मान लेगी, आशा ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंनें पहले ग्रेजुएशन किया और फिर सफाई कर्मी का काम करते हुए साथ में ही परीक्षा की तैयारी का। इस दौरान आशा के घरवाले उसके साथ खड़े थे। आखिकार दो साल बाद परीक्षा का परिणाम 2021 को आया और उनकी मेहनत रंग लाई। आज आशा एक प्रतिष्ठित पद पर कार्यत है।
कोई काम छोटा नहीं होता
लोग सोचते है ये तो छोटा काम है ऐसा काम क्यों करें। लेकिन आशा ने दिखाया कि कोई भी काम छोटा नहीं होता है जो आपको काम मिला है उसे पूरे मन से करो। आशा की सिद्धत और लगन ने ही आज उसे बुलंदियों पर पहुंचाया है।