आयुर्वेद में तोदरी का इस्तेमाल अलग-अलग तरीके होता है लेकिन आप सोच रहे होंगे कि यह होता क्या है। बता दें कि यह एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जो गठिया, जोड़ों में दर्द से लेकर अस्थमा का रामबाण इलाज है। मसूर के दाने के जैसे दिखने वाले तोदरी सफेद, लाल और पीले रंग का बीज है, जो शाकीय पौधा से निकलते हैं। यह ज्यादातर अप्रैल के महीने में मिलते है, जो सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
चलिए आपको बताते हैं कि आखिर किन बीमारियों में फायदेमंद है तोदरी...
दस्त से राहत दिलाए
तोदरी का काढ़ा बनाकर 10-20 मि.ली. मात्रा में सेवन करें। इससे दस्त के साथ कमजोरी भी दूर होगी और पाचन क्रिया सही रहेगी।
यूरीन की परेशानी होगी दूर
यूरिन इंफेक्शन या यूटीआई की समस्या है तो तोदरी का काढ़ा बनाकर पीएं। दिन में एक बार इसका काढ़ा पीने से आपकी समस्या कुछ ही दिनों में दूर हो जाएगी।
खून की कमी करे पूरी
इससे भरपूर आयरन मिलता है, जिससे शरीर में खून की कमी नहीं होती और ब्लड सर्कुलेशन भी सही रहता है। इससे आप एनीमिया से बचे रहते हैं।
गठिया दर्द करे दूर
तोदरी के फूलों को जैतून तेल में अच्छी तरह पकाकर छान लें। इसे एक बोतल में स्टोर कर लें। अब इससे प्रभावित हिस्से पर 5-7 मिनट तक अच्छी तरह मसाज करें। इससे आपको दर्द से राहत मिलेगी।
ब्रेस्ट साइज बढ़ाने में मददगार
2-3 ग्राम तोदरी चूर्ण के साथ बराबर मात्रा में शतावरी चूर्ण को गर्म दूध के साथ लें। रोजाना ऐसा करने से आपकी ब्रेस्ट का साइज बढ़ेने लगेगा।
अस्थमा में फायदेमंद
रोजाना 10-20 मि.ली. ग्राम तोदरी के बीजों का सेवन अस्थमा रोगियों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है लेकिन इससे अपने किसी एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।
शारीरिक कमजोरी होगी दूर
2-3 ग्राम तोदरी चूर्ण में बराबर मिश्री मिलाकर 1 गिलास दूध के साथ सेवन करें। इससे कमजोरी दूर होगी और शरीर को एनर्जी भी मिलेगी।
सूजन से दिलाए राहत
सूजन को दूर करने के लिए तोदरी को पीसकर लेप लगाएं। इसका लेप लगाने से घाव भरने में भी मदद मिलती है।
जोड़ दर्द से आराम
तोदरी के पत्तें, नीम के 2-4 फल व अर्क के पत्ते को अच्छी तरह पीस लें। अब इसमें तिल या जैतून तेल मिलाकर पकाएं। इसे ठंडा करके एक कांच की शीशी में छानकर निकाल लें। अब जोड़ों में दर्द होने पर इससे मसाज करें।
अब तो आप जान ही गए होंगे कि तोदरी का सेवन आपको कितने सारे फायदे देता है लेकिन ध्यान रखें कि बिना एक्सपर्ट की सलाह लिए किसी भी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी का सेवन ना करें।