23 DECMONDAY2024 10:53:29 AM
Nari

17 साल की Aditi Gopichand बनीं वर्ल्ड चैंपियन, बेटी का सपना पूरा करने के लिए कर्ज में डूबे पिता

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 07 Aug, 2023 12:40 PM
17 साल की Aditi Gopichand बनीं वर्ल्ड चैंपियन,  बेटी  का सपना पूरा करने के लिए कर्ज में डूबे पिता

'म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के'? फिल्म दंगल में आमिर खान का डायलॉग अदिति गोपीचंद पर फिट बैठता है। महज 17 साल की उम्र में अदिति ने Archery World Championship में 2 गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है। अदिति की इस सफलता का श्रेय उनके पिता को भी जाता है जिन्होंने  बेटी को कामयाब बनाने के लिए कर्जा ले लिया। 

PunjabKesari

बेटी के लिए गांव से शहर आए गोपीचंद

बता दें अदिति के पिता महाराष्ट्र के सतारा के एक गांव से हैं। बेटी की खेल में रूचि को देखते हुए पिता ने गांव को छोड़कर शहर का रास्ता किया और बेटी का स्कूल में एडमिशन करवा दिया, क्योंकि उनको पता था कि शहर में ही बेटी को ज्यादा मौका मिलेंगे।

PunjabKesari

गन्ने के खेत में अदिति करती थीं practice 

अदिति जब 12 साल की थी तब उनके पिता उन्हें सतारा से सहाहू स्टेडियम लेकर गए। अदिति को यहां तीरंदाजी का खेल काफी दिलचस्प लगा। पिता ने बेटी का वहां दाखिला करा दिया। अदिति की धीरे-धीरे आर्चरी में दिलचस्पी बढ़ने लगी। वो घंटों गन्ने के खेत में बनी अकेडमी में समय बिताी थीं, जिसे देखकर पिता को अंदाजा हो गया कि बेटी में प्रतिभा के साथ खूब लगन है और वो कुछ बड़ा कर सकती है। 

PunjabKesari

कर्जे में डूब चुका है अदिति का परिवार

बेटी को उसका खुद को धनुष दिलाने के लिए गोपीचंद को कर्जा लेना पड़ा। एक धनुष लगभग ढाई लाख रुपए का पड़ता है, वहीं तीरों की कीमत 50 हजार तक होती है। लॉकडाउन में अदिति घर पर ही अभ्यास करती थीं। दिवाली हो या होली उन्होंने अभ्यास मिस नहीं किया। इसका असर लॉकडाउन के बाद दिखने लगा। बेटी की कामयाबी का मतलब था और ज्यादा खर्चा। इसकी भरपाई के लिए वो लगभग 10 लाख रुपए के कर्जे में डूब गए। अदिति के मां- बाप का आधा वेतन कर्जा चुकाने में जाता है, लेकिन उन्होंने अपनी बेटी के लिए यह सब मंजूर है।  

Related News