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इस देश में अब अबॉर्शन कराना अपराध नहीं, गर्भपात को लेकर भारत में ये है नियम

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 06 Mar, 2024 05:55 PM
इस देश में अब अबॉर्शन कराना अपराध नहीं, गर्भपात को लेकर भारत में ये है नियम

फ्रांस में महिलाओं को गर्भपात कराने का संवैधानिक अधिकार मिल गया है। ऐसा करना वाला यह पहला देश है। यानी कि अब फ्रांस में गर्भपात कराना अपराध नहीं होगा। इस ऐतिहासिक फैसले का फ्रांस की महिलाओं ने जोरदार स्वागत किया है।  फ्रांस के सांसदों ने संसद के संयुक्त सत्र के दौरान देश में गर्भपात को महिलाओं का संवैधानिक अधिकार बनाने संबंधी विधेयक को मंजूरी दी।

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महिलाओं ने जताई खुशी

विधेयक पर मतदान हुआ और इसके पक्ष में 780 जबकि विरोध में 72 वोट पड़े। महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने विधेयक को मंजूरी मिलने पर खुशी जताई और इस कदम की सराहना की। संसद के दोनों सदन नेशनल असेंबली और सीनेट पहले ही फ्रांसीसी संविधान के अनुच्छेद 34 में संशोधन के लिए एक विधेयक को मंजूरी दे चुके हैं ताकि महिलाओं को गर्भपात के अधिकार की गारंटी दी जा सके। 

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कुछ देशों ने किया विरोध

राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि उन्‍होंने महिलाओं को गर्भपात का संवैधानिक अधिकार देने का वादा किया था, अब उनका ये वादा पूरा हो गया है। महिलाओं ने सड़कों पर उतरकर अपनी खुशी बयां की। बता दें कि फ्रांस में 1974 के कानून के बाद से महिलाओं को गर्भपात का कानूनी अधिकार प्राप्त है। हालांकि कुछ देश इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। चलिए आज आपको बताते हैं गर्भपात को लेकर भारत में क्या है कानून। कुछ समय पहले किए गए अध्ययन में दावा किया गया था कि देश में 99 फीसदी महिलाओं को गर्भपात कानूनों में किए गए बदलावों के बारे में जानकारी नहीं है। 

 

भारत में इन महिलाओं को अबॉर्शन की इजाजत

देश में गर्भपात पर नियंत्रण के लिए मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट 1971 है। यह प्रेग्नेंसी के मेडिकल टर्मिनेशन यानी प्रेग्नेंसी को खत्म करने की इजाजत देता है। MTP ऐक्‍ट के अनुसार- केवल बलात्‍कार पीड़‍िताओं, नाबालिगों, महिलाएं जिनकी वैवाहिक स्थिति गर्भावस्‍था के दौरान बदल गई हो, मानसिक रूप से बीमार महिलाओं या फिर फीटल मॉलफॉर्मेशन वाली महिलाओं को ही 24 हफ्ते तक का गर्भ गिराने की अनुमति है।

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कानून में हो चुका है संशोधन

दुनिया के केवल 41 देशों में महिलाओं के लिए अबॉर्शन को संवैधानिक अधिकार दिया गया है। भारत भी इनमें से एक है, यहां पहली बार 1971 में गर्भपात कानून पास किया गया था, जिसे मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी यानी एमटीपी अधिनियम 1971 नाम दिया गया था। देश में पहले कुछ मामलों में 20 हफ्ते तक गर्भपात की अनुमति थी, लेकिन 2021 में इस कानून में संशोधन हुआ और यह समय सीमा बढ़ाकर 24 हफ्ते कर दी गई. हालांकि कुछ विशेष परिस्थिति में 24 हफ्ते के बाद भी गर्भपात की इजाजत दी जाती है। 

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