वास्तु अगर सही हो तो घर में हमेशा सुख-शांति, बरकत और खुशहाली बनी रहती हैं। वहीं घर में मौजूद वास्तुदोष दरिद्रता, कलह-कलेश और धन हानि का कारण भी बन सकता है। कई बार लोगों को यह नहीं पता चल पाता कि उनके घर में वास्तु दोष है या नहीं। आज हम आपके लिए ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब लेकर आए हैं, जिन्हें लेकर लोगों के मन में संदेह होता है। चलिए आपको बताते हैं कि
क्या सचमुच फायदेमंद वास्तु?
वास्तुशास्त्र भारत की प्राचीनतम वैज्ञानिक विधाओं में से एक हैं, जो हर किसी को फायदा पहुंचाती है। ‘वास्तु’ का अर्थ प्रकृति और आस-पास के वातावरण के साथ तालमेल बिठाना है। ताकि घर में सुख-शांति और खुशहाली भरा माहौल बना रहे। सिर्फ हिंदू धर्म ही नहीं बल्कि हर कोई इसका लाभ उठा सकता है।
कैसे पहचाने जगह शुभ है या अशुभ?
जब किसी घर या जगह में प्रवेश करते समय सांस तेज चलने लगे या तनाव महसूस हो तो समझ लें वहां वास्तु में गड़बड़ी है। वहीं, अगर इसका विपरीत हो तो समझ लें कि वो घर या जगह शुभ है।
वास्तुदोष दूर करने में कितनी फायदेमंद तुलसी?
वास्तुदोष से बचने के लिए सिर्फ तुलसी का पौधा लगाना ही काफी है। तुलसी के पौधे ना सिर्फ नेगेटिव एनर्जी को खत्म करता है बल्कि इससे घर में सुख-समृद्धि और बरकत भी बनी रहती है।
स्वास्तिक चिह्न का वास्तु से क्या संबंध?
नेगेटिव एनर्जी को दूर करने के लिए लोग घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक का चिह्न बनाते हैं। हिंदू धर्म में स्वास्तिक को शुभ और मंगल भावों का प्रतीक माना जाता है। शास्त्रों व वेदों में स्वास्तिक श्रीगणेश का भी साकार रूप माना जाता है।
ब्रह्मस्थान किस हिस्से को कहते हैं?
घर का बीच वाला स्थान यानि मध्य हिस्सा ब्रह्मस्थान कहलाता है, जिसे वास्तु के हिसाब से हमेशा खाली रखना चाहिए। ऐसे में आप भी घर के बीचो-बीच फर्नीचर या कोई भी वस्तु ना रखें।
झाड़ू रखने की सहा दिशा
वास्तु के अनुसार, झाड़ू-पोछा या सफाई की किसी भी वस्तु को ऐसी जगह पर रखना चाहिए कि वो किसी को नजर ना आएं। वहीं, झाड़ू को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है इसलिए इसे पैर लगाने से मां रूठ जाती है।
कुबेर की दिशा में छिपा सफलता का राज
उत्तर जोन को भगवान 'कुबेर' की दिशा भी कहा जाता है, जिसे हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए। इससे धन के देवता कुबेर खुश रहते हैं और घर खुशियों से भरा रहता है। साथ ही इससे सफलता के नए रास्ते भी खुलते हैं।