नारी डेस्क : दिल्ली और आसपास के इलाकों में बढ़ता वायु प्रदूषण अब स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बन चुका है। जहरीली हवा की वजह से सांस में दिक्कत, आंखों में जलन, खांसी और कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों पर इसका असर ज्यादा होता है। ऐसे में जरूरी है कि हम अपनी दिनचर्या में ऐसे हेल्दी ड्रिंक्स शामिल करें जो शरीर को डिटॉक्स करें और इम्युनिटी को मजबूत बनाएं। जानिए ऐसे 7 हेल्दी ड्रिंक्स जो प्रदूषण के बुरे असर से शरीर को बचाने में बेहद कारगर हैं।
तुलसी का पानी
तुलसी की पत्तियों में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालते हैं।
फायदा: फेफड़ों की सफाई और बेहतर सांस लेने में मदद।
कैसे पिएं: सुबह खाली पेट 4–5 पत्तियों को उबालकर पानी पिएं।

चुकंदर का जूस (Beetroot juice)
चुकंदर खून बढ़ाने के साथ फेफड़ों की क्षमता को भी मजबूत करता है। इसमें मौजूद नाइट्रेट्स ऑक्सीजन लेवल में सुधार करते हैं।
फायदा: फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ाता है।
ग्रीन टी (Green Tea)
ग्रीन टी शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने में मदद करती है और इम्युनिटी को मजबूत बनाती है।
फायदा: फेफड़ों की सफाई और बेहतर मेटाबॉलिज्म।
हल्दी वाला दूध
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन एक प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट है।
फायदा: फेफड़ों की सूजन कम करता है और रात में सोने से पहले लेने पर शरीर को डिटॉक्स करता है।

आंवले का जूस (Amla juice)
आंवला विटामिन-C का सबसे अच्छा स्रोत है।
फायदा: इम्युनिटी मजबूत करता है और प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव से शरीर की रक्षा करता है।
एलोवेरा जूस (Aloe Vera Juice)
एलोवेरा शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालने और सूजन कम करने में प्रभावी है।
फायदा: फेफड़ों को स्वस्थ और साफ रखने में मदद।
गिलोय का जूस (Giloy Juice)
गिलोय को इम्युनिटी बूस्टर औषधि कहा जाता है।
फायदा: फेफड़ों को साफ करता है और इंफेक्शन से बचाता है।

वायु प्रदूषण से होने वाले नुकसान के लक्षण
सांस लेने में परेशानी होना।
खांसी और गले में खराश होना।
आंखों में जलन होना।
सिरदर्द, थकान और सीने में जकड़न होना।
बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच शरीर को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है। ऊपर बताए गए हेल्दी ड्रिंक्स शरीर को अंदर से डिटॉक्स करेंगे, फेफड़ों को साफ रखेंगे और इम्युनिटी को मजबूत बनाएंगे। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस की समस्या वाले लोगों को इन्हें जरूर शामिल करना चाहिए, ताकि वे जहरीली हवा के हानिकारक असर से बच सकें।