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महिलाओं के लिए प्रेरणा Navalben, दूध के बिजनेस से कोरोना काल में कमाए करोड़ रु

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 04 Jan, 2022 12:20 PM
महिलाओं के लिए प्रेरणा Navalben, दूध के बिजनेस से कोरोना काल में कमाए करोड़ रु

अगर आप किसी काम को सही तरीके से करना जानते हैं और व्यवसाय में आपकी रुचि भी है तो आप सचमुच एक अच्छे बिजनेसमैन/वुमन बन सकते हैं। गुजरात की 62 वर्षीय महिला नवलबेन दलसांगभाई चौधरी (Navalben Dalsangbhai Chaudhary) ने यही किया है और अब वह कई लोगों के लिए प्रेरणा बन गई हैं। कई लोगों को यह जानकर हैरानी होगी कि उन्होंने सिर्फ दूध बेचकर इतना कुछ हासिल किया है, वो भी बेहद कम समय में। चलिए आपको बताते हैं नवलबेन दलसांगभाई चौधरी की कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प की प्रेरक कहानी...

हर महीने दूध बेचकर 3.50 लाख का मुनाफा

सफलता की यह कहानी तब शुरू हुई जब नवलबेन ने अपने घर पर एक कंपनी शुरू की जिसका एक मकसद था दूध बेचना। बनासकांठा जिले के नगाना गांव की रहने वाली नवलबेन ने सभी बाधाओं को दूर करते हुए अपने जिले में एक मिनी क्रांति लाने का काम किया। जहां कोरोना काल में लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा वहीं उन्होंने इस दौरान 3.50 लाख रु की कमाई की।

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नवलबेन की डेयरी में 80 भैंस और 45 गाय

खबरों के मुताबिक, उन्होंने 2020 में 1.10 करोड़ रुपए का दूध बेचकर 3.50 लाख रुपए प्रति माह का मुनाफा कमाया। वहीं, 2019 में उन्होंने 87.95 लाख रुपए मूल्य का दूध बेचा। नवलबेन जी ने जब यह काम शुरू किया तो उनके पास सिर्फ 20-25 गाय-भैंस थी। अब, उनके पास 80 से अधिक भैंसें और 45 गाय हैं, जो कई गांवों में लोगों की दूध की जरूरतों को पूरा करती हैं।

साल 2020 में एक करोड़ रुपए का मुनाफा

पूरे बनासकांठा में उनकी डेयरी का दूध जाता है। वह सुबह और शाम 500-500 लीटर दूध बेच लेती हैं। यही नहीं, पशुपालन के इस बिजनेस से उन्होंने 15 बेरोजगार लोगों को काम भी दिया, जिन्हें वह हर महीने सैलरी देती हैं। बता दें कि 2019 में 87.95 लाख रुपए का दूध बेचने वाली गुजरात में अपने जिले में वह पहली थी।

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लक्ष्मी पुरस्कार से सम्मानित

नवलबेन को उनके जिले में उन्हें 3 बार सर्वश्रेष्ठ 'पशुपालक' पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यही नहीं, उन्हें 2 बार 'लक्ष्मी' पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। उन्होंने बताया कि उनके 4 बेटे हैं, जो शहरों में काम कर रहे थे लेकिन उनकी आमदन उनसे भी कम थी।

वह हर सुबह अपने डेयरी जानवरों को दूध पिलाती हैं और उनके खानपान का भी पूरा ख्याल रखती हैं। वह गाय-भैंसों को सिर्फ बिजनेस का जरिया नहीं समझती बल्कि उनसे बेहद प्यार भी करती हैं। कोरोना काल के दौरान आर्थिक रूप से चुनौतियों का सामना कर रहे लोगों के लिए नवलबेन प्रेरणा के रूप में सामने आई है।

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