एक नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि 3 में से 2 माताओं को एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या हमेशा घेरे रहती है। विज्ञान पत्रिका एडोलेसंट हैल्थ नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि किशोरावस्था में ही मां बनने वाली महिलाएं मानसिक स्वास्थ्य की चुनौतियां सबसे ज्यादा झेलती हैं। लगभग 40 फीसदी माताओं को डिप्रैशन (अवसाद), चिंता और हाइपर एक्टिविटी (अतिसक्रियता) जैसा कोई एक मानसिक विकार जरूर होता है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि ये विकार 21 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं के मुकाबले कम उम्र की महिलाओं को 4 गुना ज्यादा होते हैं। कनाडा की एम.सी. मास्टर यूनिवॢसटी के शोधकर्ता रेयान वान लिशआऊट ने कहा कि माताएं केवल प्रसव के बाद अवसाद जैसी समस्याओं से जूझती हैं, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं होता। उन्होंने कहा कि इस अध्ययन के निष्कर्षों का उपयोग बेहतर स्क्रीनिंग प्रक्रिया विकसित करने के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का समय पर चरणबद्ध तरीके से इलाज के लिए भी किया जा सकता है।
इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 2012 से 2015 के बीच 450 ऐसी माताओं के स्वास्थ्य की निगरानी की जो अपनी पहली डिलीवरी के समय 21 साल की थीं और इससे प्राप्त डाटा की तुलना उन्होंने ऐसी महिलाओं से की जो 20 साल से पहले मां बन चुकी थीं। शोधकत्र्ताओं ने कहा कि शायद विश्व में यह पहला अध्ययन होगा जिसमें प्रसव के बाद महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य की जांच की गई है।
प्रेगनेंसी और डिलीवरी के बाद तनाव से बचने के लिए क्या करें महिलाएं...
1. ज्यादा महिलाएं नींद पूरी ना होने के कारण तनाव से घिरी रहती हैं। ऐसे में सबसे पहले तो अपने आराम पर ध्यान दें। जब बच्चा सोए तो उसके साथ आप भी झपकी ले लें और ज्यादा काम ना करें।
2. थकावट से चिड़चिड़ापन, मानसिक परेशानी और शारीरिक कमजोरी आने लगती है इसलिए अपने आराम पर भी ध्यान दें।
3. मेडिटेशन जरूर करें। गर्भवती महिलाएं मेडिटेशन सूर्योदय और सूर्यास्त दोनों समय कर सकती हैं। मगर इस बात का ध्यान रखें कि आप जहां भी यह मेडिटेशन करें वहां का वातावरण शांत हो।
4. प्रेगनेंसी के बाद शरीर में कमजोरी आ जाती है। ऐसे में इसे पूरा करने के लिए दलिया, अंकुरित अनाज, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, दालें, दूध, दही, सूखे मेवे, अंडा व मांस-मछली खाएं। खून की मात्रा बढ़ाने के लिए आयरन व फोलिक एसिड से भरपूर भोजन जैसे पालक, मेथी, अंजीर आदि खाएं।
5. मेंटली व फिजिकली फिट रहने के लिए अनुलोम-विलोम, हल्की-फुल्की एक्सरसाइज, भ्रामरी प्राणायाम, सुबह-शाम सैर करें। जब मन अशांत हो तो गाने सुनें।
6. सुबह की गुनगुनी धूप में समय जरूर बिताएं। इससे स्ट्रेस भी दूर होगा और शरीर को विटामिन डी भी मिलेगा।
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