कोरोना वायरस से बचने के लिए देशभर में लॉकडाउन कर दिया है। घर के अंदर बैठे-बैठे सभी लोग ऊब चुके हैं। भले ही लोग घरों के अंदर रहकर बोर हो चुके हो लेकिन इसकी वजह से बाहर का वातावरण काफी शुद्ध हो गया है। जी हां, जहां वातावरण में प्रदूषण कम व ओजोन परत साफ हो गई है वहीं लॉकडाउन ने नदियों के पानी को भी स्वस्थ कर दिया है।
लॉकडाउन नेचर को नई जिंदगी दे रहा है। हाल ही में ऋषिकेश गंगा की कई वीडियोज सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। दरअसल, ऋषिकेश गंगा नदी इतनी साफ हो गई है कि नदी की तलहटी दिखने लगी है।
बता दें कि यह वीडियो आईएफएस सुशांत नंदा ने शेयर किया है। उन्होंने कैप्शन में लिखा, ‘ऋषिकेश में लक्ष्मण झूला के पास गंगा और हम सब जन्नत तलाश रहे थे।’ औद्योगिक प्रदूषण और दूसरी मानव गतिविधियां नहीं होने के कारण गंगा नदी का पानी स्वच्छ और निर्मल हो गया है।
नदियों का काली पानी अब इतना साफ हो चुका है कि गंगा में फेंका गया सिक्का भी अब दूर से नजर आता है। वाराणसी, उत्तराखंड, यमुना का पानी भी फिर से पीने लायक हो गया है। यहां प्रदूषित शहरों की हवा भी सांस लेने के लिए बेहतर हो रही है। उत्तराखंड के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के के अधिकारी ने कहा कि छानने के बाद इस पानी को पीने के लिये इस्तेमाल किया जा सकता है।
लॉकडाउन की वजह से गंगा समेत तमाम छोटी-बड़ी नदियों का पानी साफ हो गया है। फैक्ट्रियों के बंद होने के चलते नदियों का पानी कम प्रदूषित हो रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, रियल टाइम वॉटर मॉनिटरिंग में गंगा नदी का पानी 36 मानिटरिंग सेंटरों में से 27 में नहाने के लिए उपयुक्त पाया गया है।