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टीवी की फेमस खलनायिका 'रमोला' की पैर खोने से लेकर टीवी स्टार बनने की इंस्पायरिंग स्टोरी

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 10 Jul, 2019 07:20 PM
टीवी की फेमस खलनायिका 'रमोला' की पैर खोने से लेकर टीवी स्टार बनने की इंस्पायरिंग स्टोरी

रमौला सिकंद के करेक्टर को तो आप जानते ही होंगे। हर घर में कहीं किसी रोज सीरियल  की खलनायिका रमौला सिकंद के खूब चर्चे हुआ करते थे, सिर्फ रमौला ही नहीं, बल्कि नागिन 2 यामिनी का किरदार भी खूब पसंद किया गया। खलनायिका की दमदार भूमिका निभाने वाली इस दमदार औरत का रियल नाम सुधा चंद्रन है जो भले ही आज सबके दिलों में खलनायिका की छवि बनाए हुए लेकिन इनकी रियल स्टोरी काफी इंस्पायरिंग है।

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बचपन से ही था डांस का शौंक

सुधा मशहूर अभिनेत्री के साथ बहुत अच्छी डांसर है। बचपन से ही उन्हें नृत्य करना बहुत अच्छा लगता था लेकिन एक हादसे में उन्होंने अपना दाहिना पैर खो दिया लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और डांस नहीं छोड़ा। परेशानियों का हिम्मत से सामना कर वह एक बेहतरीन डांसर बनी और मिसाल कायम की। चलिए आज हम आपको उनके पैर कटने के दर्द से लेकर मशहूर अभिनेत्री बनने तक की इंस्पायरिंग लाइफस्टोरी के बारे में बताते हैं...

8 साल की उम्र में दी पहली स्टेज परफार्मेंस

21 सितम्बर 1964 को केरल के एक मिडल क्लास फेमिली में जन्मी सुधा को उनके माता पिता ने मुंबई में हाई एजुकेशन दिलाई। डांस का शौक उन्हेें बचपन से ही था इसलिए 3 साल की उम्र में उन्होंने डांस सीखना शुरु कर दिया था और 8 साल की उम्र में उन्होंने पहली स्टेज परफार्मेंस दीं, साथ ही उन्होंने अपनी पढ़ाई भी जारी रखी। 16 साल की उम्र तक 75 स्टेज परफार्मेंस दे चुकी थीं। उन्होंने भरतनाट्यम की उम्दा कलाकार के रूप में शोहरत हासिल कर ली थी। उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके थे लेकिन जन्म दिन से 4 दिन पहले हुए एक एक्सीडेंट ने उनकी जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया।

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पैर टूटने के बाद डिप्रेशन में चली गई थी सुधा

मई 1981 में उनका बस एक्सीडेंट हुआ जिससे उनके पैर में फ्रेक्चर हुआ, बाद में चोट पर गैंगरीन इंफैक्शन हो गया जो पूरे शरीर में फैल सकता था जिसकी वजह से उनका घुटने तक पैर काटना पड़ा। डांस की शौकीन सुधा काफी टूट गई और डिप्रैशन में भी गई लेकिन उन्होंने खुद को संभाला और नकली पैर के जरिए इस कमी को पूरा किया। नकली पैर से चलने में उन्हें कम से कम 4 महीने का समय लगा, बाद में वह प्रेक्टिस करती रही और डांस मूव भी करने लगी। यह आसान नहीं था क्योंकि ऐसा करने पर उन्हें काफी दर्द होता था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी क्योंकि वह लोगों की दया नहीं चाहती थी, बस कड़ी मेहनत और परिवार के सपोर्ट से वह डांस सीखती रही और 28 जनवरी 1984 में उन्होने मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज में स्टेज परफार्मेंस दी, जिससे उनके सपने पूरे हुए। उस ऑडियंस में कई फिल्मी सितारे और मीडियाकर्मी भी दे। जिसमें हैदराबाद के रामोजीराव फिल्म इंडस्ट्री के मालिक रामोजीराव भी शामिल थे। बस सुधा की डांस परफार्मेंस ने सबका दिल जीत लिया। उनकी मेहनत ने रंग लाई। देशी नहीं विदेशी मीडिया में भी उनकी कई स्टोरीज छपी। उन्हें परफार्मेंस के ऑफर आने लगे।

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तेलगू द म्यूरी फिल्म के लिए मिला बेस्ट फीचर फिल्म अवार्ड

रामो जी राव ने तेलगू द म्यूरी फिल्म बनाई जिसका लीड रोल सुधा ने ही निभाया था। इस फिल्म ने सारे रिकार्ड तोड़े और बेस्ट फीचर फिल्म अवार्ड अपने नाम किया। फिल्म के लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया, उसके बाद सुधा ने पीछे मुड़ कर कभी नहीं देखा। उन्होंने कई फिल्मों में काम किया और कई टीवी सीरियल में भी अपनी एक्टिंग से खास जगह बनाए हुए हैं। सुधा चंद्रन ने अपनी विकलांगता को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया और लोगों के लिए भी प्ररेणा बनीं।

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