
नारी डेस्क: अगर चलते समय अचानक पैर डगमगाने लगें, बैलेंस बिगड़ने लगे या पैरों में हल्की-तेज़ झनझनाहट महसूस हो, तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। ऐसे लक्षण अक्सर विटामिन B12 की कमी की ओर इशारा करते हैं। यह विटामिन शरीर की नसों को मजबूत रखने के लिए बेहद जरूरी होता है। इसकी कमी से तंत्रिका तंत्र कमजोर होने लगता है, जिस कारण चलते समय अस्थिरता, सुन्नपन, थकान और पैरों में कमजोरी जैसी समस्याएं सामने आ सकती हैं। बढ़ती उम्र में यह स्थिति और तेजी से दिखने लगती है, जिसे सरकोपेनिया भी कहा जाता है। डॉक्टर्स के अनुसार, सही डाइट और खासतौर पर B12 से भरपूर सूप नसों की मरम्मत में मदद करते हैं और शरीर को भीतर से मजबूती देते हैं। यहां जानें ऐसे 3 सूप, जो B12 की कमी से जुड़ी पैरों की कमजोरी और लड़खड़ाहट को कम करने में असरदार माने जाते हैं।
चिकन बोन ब्रॉथ सूप
विटामिन B12 की भरपाई के लिए चिकन बोन ब्रॉथ सूप सबसे असरदार विकल्प माना जाता है। इसे चिकन की हड्डियों को घंटों धीमी आंच पर पकाकर तैयार किया जाता है, जिससे उसमें मौजूद B12, कोलेजन और अमीनो एसिड पूरी तरह सूप में घुल जाते हैं। यह सूप नसों की टूट-फूट को ठीक करता है, मांसपेशियों को गहराई से पोषण देता है और पैरों की झनझनाहट व डगमगाहट को कम करता है। नियमित सेवन से नर्व फंक्शन बेहतर होता है और बैलेंस भी सुधरता है।

पालक का सूप
पालक विटामिन, आयरन और नाइट्रेट से भरपूर होता है, जो शरीर में रक्त प्रवाह बढ़ाकर मांसपेशियों तक अधिक ऑक्सीजन पहुंचाता है। पालक का सूप सुन्नपन, थकान और पैरों की कमजोरी में काफी राहत देता है। इसमें मौजूद मैग्नीशियम और नाइट्रेट रक्त वाहिकाओं को फैलाकर पैरों तक खून की पहुंच को सुधारते हैं, जिससे सिर्फ 10–15 दिनों में ही चलने में स्थिरता और ऊर्जा महसूस होने लगती है। इसे सुबह या शाम के समय पीना बेहद फायदेमंद है।

अंडे के यॉल्क का सूप
अंडे का यॉल्क यानी पीला हिस्सा विटामिन B12 का बेहतरीन स्रोत है। यह नसों को मजबूत करता है, दिमाग की कार्यक्षमता बढ़ाता है और मांसपेशियों की stiffness कम करता है। अंडे का सूप पैरों की कमजोरी, नर्व डैमेज और चलने की अस्थिरता को कम करता है।

हफ्ते में 2–3 बार इसका सेवन वयस्कों के लिए लाभकारी है, जबकि बच्चों को कम मात्रा में दिया जा सकता है।