वास्तु शास्त्र भारतीय लोगों का बहुत ही प्रचलित शास्त्र है। इस शास्त्र के अनुसार, घर में रखी हुई चीजों से नेगेटिविट और पॉजिटिव एनर्जी निकलती है जिसका असर घर में रहने वाले लोगों पर भी पड़ता है। वहीं इस शास्त्र में यह भी बताया गया है कि कौन सी दिशा में कौन सा कमरा होना होना चाहिए इसके अलावा घर में पूजा रुम बनवाने से पहले भी कुछ नियमों का खास पालन करना चाहिए। वास्तु के अनुसार, कुछ जगहों पर पूजा रुम बनवाना शुभ नहीं माना जाता। तो चलिए जानते हैं कहां पर पूजा रुम नहीं बनाना चाहिए...
बेडरुम में न बनाएं
मान्यताओं के अनुसार, कभी भी पूजारुम बेडरुम में नहीं बनवाना चाहिए। यदि फिर भी किसी कारणवश यदि आपको पूजारुम इस दिशा में बनवाना पड़ रहा है तो उत्तर पूर्व दिशा में बनवाएं। परंतु कभी भी नैऋत्य कोण में पूजा रुम में बनवाएं। यहां पर इसे बनाने से व्यक्ति का जीवन हमेशा परेशानियों से घिरा हुआ रहता है।
सीढ़ियों के नीचे न बनवाएं
सीढ़ियों के नीचे भी पूजा रुम नहीं बनवाना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, यह दिशा अशुभ मानी जाती है यहां पर मंदिर बनवाने से घर के सदस्यों में हर समय कलेश रहता है और घर के सदस्यों में भी मन-मुटाव बना रहता है।
न रखें 3 प्रतिमाएं
मंदिर में कभी भी मां दुर्गा और भगवान गणेश जी की 3 प्रतिमाएं नहीं रखनी चाहिए। इसके अलावा मंदिर में हर चीज जैसे शिवलिंग, शंख, सूर्य देव की प्रतिमा और शालीग्राम भी एक ही रखना चाहिए। ज्यादा प्रतिमाएं रखने से व्यक्ति का मन हर समय अशांत सा रहता है।
बेसमेंट में न बनवाएं मंदिर
पूजा घर कभी भी घर की बेसमेंट में नहीं बनवाना चाहिए। यहां पर मंदिर बनवाने से पूजा का फल नहीं मिलता है। इसके अलावा यहां पर अंधेरा होता है और अंधेरी जगह में कभी भी पूजा घर नहीं बनवाना चाहिए। इससे घर में नेगेटिविटी का संचार हो सकता है।
सही दिशा में रखें मूर्तियां
पूजा घर में रखी हुई मूर्तियां भी एक सही दिशा में रखनी चाहिए। भगवान की फोटो या फिर कोई मूर्ति कभी भी नैऋत्य कोण में नहीं रखनी चाहिए। यह जगह मूर्ति रखने के लिए अशुभ मानी जाती है। यहां पर मूर्ति रखने से व्यक्ति का जीवन हमेशा मुसीबतों से घिरा रहता है और जीवन में परेशानी का सामना कर पड़ सकता है।