नवजात बच्चे की देखभाल के दौरान माता- पिता को कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है। एक छोटी सी गलती की वजह से शिशु को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। कई बार हम देखते हैं कि बच्चे जब सोकर उठते हैं, तो अपनी आंखें खोल नहीं पाते हैं या उनकी आंखें लाल हो जाती है। यह बहुत आम अवस्था है जिसे जरा सा ध्यान देकर तथा साफ सफाई का ख्याल रख कर सुलझाया जा सकता है
क्यों होता है ऐसा
आंखों के ऊपर एक पतला-सा आवरण होता है जिसे कंजक्टाईवा कहते हैं। इसमें संक्रमण हो जाने से आंखें लाल होकर सूख जाती हैं। यह किसी भी आयु वर्ग के बच्चों में हो सकता है। उसी तरह आंखों का चिपक जाना, जन्म के तुरन्त बाद अधिक देखने में आता है। इसका कारण जन्म के वक्त आंखों से तरल पदार्थों का सम्पर्क होना है।
इस तरह करें आंख की सफाई
आंखों में संक्रमण होने की दशा में पहले इस बात की जांच कर लें कि बच्चे की आंख में धूल का कोई कण या अन्य बाहरी वस्तु जैसे बाल या कचरा तो नहीं गिरा हुआ है। उसके बाद किस भी प्रतिजैविक दवा के घोल या मरहम को आंख में डालना चाहिए। यदि आंखों का रोज चिपकना दिखाई देता हो तो बच्चे के उठने के बाद आंखों को गुनगुने पानी से धोना चाहिए। रूई के साफ गोले को पानी में भिगोकर, आंखों को भीतर से बाहर की ओर पोंछें, पोंछने की दिशा हमेशा भीतर से बाहर की ही होनी चाहिए ताकि दूसरी आंख में यह दूषित जल न जा पाए।
शिशु में आंखें चिपकने के लक्षण
. शिशु को सोकर उठने दौरान आंखें खोलने में दिक्कत आना।
. आंखों के आसपास पीले या सफेद रंग का तरल पदार्थ दिखाई देना।
. आंखों के आसपास या नीचे हल्की लालिमा और सूजन होना।
. कई बार आंखों को आसपास हरे रंग पानी आना।
. बच्चों को आंखों में जलन व खुजली होना और इसके कारण बच्चा रो भी सकता है।
ना बरतें लापरवाही
उसी तरह यदि एक आंख ही चिपकती हो तो बच्चे को उसी आंख वाली करवट पर सुलाना चाहिए ताकि उसमें से निकला स्राव दूसरी आंख में न जाने पो। उपरोक्त उपायों के बाद भी यदि तकलीफ बनी रहती है तो चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए क्योंकि लापरवाही बरतने पर आंखों की ज्योति कमजोर होने का भय रहता है।