महिला होना आसान काम नहीं होता है। पूरी परिवार की जिम्मेदारी उठाने के साथ- साथ खुद का ख्यास रखना और साथ में अपनी professional life को भी अच्छी तरह से हैंडल करना बहुत मुश्किल होता है। इतनी जिम्मेदारियों को अच्छी तरह से निभाने के लिए महिल का हेल्दी भी बहुत जरूरी है। कुछ ऐसे योगासन है जिसको रोजमर्रा की जिंदगी में करने से आप फिट और हेल्दी रह सकती है 30 प्लस होने के बाद भी। आइए आपको बताते हैं इसके बारे में...
चक्रासन
चक्रासन करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं और अपने पैरों को मोड़ कर फर्श पर मजबूती से रख लें। अब अपनी हथेलियों को उल्टा करें और उन्हें अपने कानों के पास या कंधों के नीचे रख लें। आपकी उंगलियां आगे की ओर होनी चाहिए। जैसे आप सांस लेंगी, अपनी हथेलियों और पैरों को सहारे के लिए जमीन पर दबाएं। अपनी बांहों और पैरों को सीधा करके अपनी पेल्विक को ऊपर की ओर उठाएं। शुरुआत में आप अपने सिर के शीर्ष को नीचे रख सकती है। अब धीरे- धीरे पूरे शरीर का आर्च ऊपर को उठाएं। सिर को धीरे- धीरे से पीछे की ओर रखकर अपनी गर्दन को आराम दें और फिर अपना वजन अपने अंगों के बीच समान रूप से वितरित करें।
इस योगासन के फायदे
इस करने से चेस्ट चौड़ी होती है और फेफड़ों को ज्यादा ऑक्सीजन मिलता है। ये मुद्रा अस्थमा के रोगियों के लिए बहुत अच्छी होती है। ये शरीर से तनाव को भी कम करती है। आंखों के तेज को बढ़ाती है। यह आसन पीठ को मजबूत करने में भी आपकी काफी मदद करता है। इसके साथ- साथ पेट के हिस्से और डाइजेशन और रिप्रोडक्टिव अंगों को ट्यून भी करता है। इससे हाथ और पैर के मसल्स मजबूत होते हैं।
हलासन
इस योगासन में सबसे पहले जमीन पर मैट बिठाकर कमर के बल सीधा लेट जाएं। फिर दोनों हाथों को था। इसके पास जमीन पर रखें। सांस लेते हुए धीरे- धीरे दोनों पैरों को सीधा ऊपर की ओर उठाएं। हाथों को नीचे दबाएं और कमर को मोड़ते हुए पैरों को सिर के पीछे हाल की तरह लगा दें। फिर अब बिना सिर को उठाएं। 2-3 मिनट बाद धीरे- धीरे नॉर्मल पोजीशन में वापस आ जाएं।
इस योगासन के फायदे
इससे पीठ की मसल्स और रीड़ की हड्डी मजबूत होती है। ये स्पाइनल नर्व्स पर दबाव बनाकर रीड की नसों बेहतर function करते हैं। हलासन ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है। मनुष्य को प्रणाली को सक्रिया गर्म और हल्का भी करता है। इसके साथ- साथ ये अस्थमा के लिए भी उपयोगी होता है। लचीलापन बढ़ाने के लिए आप ये आसन कर सकती हैं। इससेस रीड की हड्डी मजबूत और लचीला बनाता है। पाचन तंत्र में भी सुधार होता है।