कई बार फेफड़ों में या चेस्ट में पानी बहुत ज्यादा भर जाता है, जिसे मेडिकल भाषा में पल्मोनरी एडिमा कहते हैं। ये एक बहुत ही गंभीर बीमारी है , जिसका तुरंत इलाज न किए जाए तो मौत भी हो सकती है। इस बीमारी से फेफड़ों में सांस की नली जम सकती है और पीड़ित लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है। फेफड़ों में पानी भरने का कारण क्या है? इसके लक्षण क्या है? ये हम आपको बताते हैं।
क्यों भरता है फेफड़ों में पानी?
फेफड़ों में पानी भरने की सबसे बड़ी वजह होती है हार्ट प्रॉब्लम्स। लेकिन इसके अलावा दूसरे कारणों से भी फेफड़ों में पानी जमा हो सकता है, जैसे निमोनिया, विषैले पदार्थ के संपर्क में आना, कुछ दवाएं या एक्सरसाइज करते वक्त भी फेफड़ों में पानी भर सकता है। ये एक तरीके की मेडिकल इमरजेंसी है, जिसका अगर समय रहते इलाज नहीं कहा गया तो पीड़ित की मौत भी हो सकती है। यहां जानिए फेफड़ों में पानी भरने की लक्षण...
फेफड़ों में पानी भरने के लक्षण
- खांसी, अक्सर गुलाबी, झागदार थूक के साथ
- बहुत ज्यादा प्यास लगना
- चिंता और बेचैनी
- घुटन की भावना
- त्वचा का पीला होना
- सांस लेने में घबराहट
- दिल की धड़कन तेज होना
- छाती में दर्द
-पैरों में सूजन
- कोई भी काम करते वक्त सांस फूलना
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बैलेंस डाइट लें
एक रिपोर्ट के अनुसार अगर आप इस समस्या से पीड़ित हैं, तो आपको डॉक्टर की सलाह पर हेल्दी डाइट लेनी चाहिए। इाइट में ताजे फल और हरी सब्जियां, अंडे, चिकन, मछली, नट्स, फलियां, टोफू, विटामिन डी के स्रोत जैसे अंडे, मछली, मांस, संतरे का रस, दूध और पोटेशियम और मैग्नीशियम के स्रोत जैसे पत्तेदार सब्जियां, केला, बीज और खुबानी का सेवन करना चाहिए।
सोडियम का सेवन कम करें
नमक के ज्यादा सेवन से शरीर में ज्यादा पानी बनता है तो इसे खाना कम करें। अपने खाने में नमक की जगह काली मिर्च, लहसुन, नींबू का रस, और अन्य जड़ी-बूटियों और मसालों से स्वाद बढ़ाएं। प्रोसेस्ड फूड से भी दूरी बना कर रखें।
स्मोकिंग से करें परहेज
स्मोकिंग से दूर बना लें, नहीं तो स्थिति और खराब हो सकती है। वहीं अगर कोई और स्मोक कर रहा है तो आपको उनस भी दूसरी बनानी चाहिए। वातावरण में मौजूद प्रदूषण आपके फेफड़ों में जलन पैदा कर सकता है।
शराब से दूरी ही अच्छी
शराब और अन्य नशीले पदार्थ जैसे मारिजुआना, कोकीन और हेरोइन न केवल पल्मोनरी एडिमा का कारण बन सकती हैं। यदि आपको ये समस्या है तो सभी पदार्थों को तुरंत छोड़ चाहिए।
ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी से बचें
ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी करने से पल्मोनरी की स्थिति बिगड़ सकती है। ज्यादा भारी काम करते समय इस बात का ध्यान रखें कि लंग्स को आराम दें और छोटे- छोटे ब्रेक लें।