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कार चलाने वाली दुनिया की पहली महिला, पति को बिना  बताए 106 कि.मी. तक की थी लॉन्ग ड्राइव

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 31 Dec, 2020 04:31 PM
कार चलाने वाली दुनिया की पहली महिला, पति को बिना  बताए 106 कि.मी. तक की थी लॉन्ग ड्राइव

बहुत से लोग जानते हैं कि फोर्ड मॉडल-टी दुनिया में पहली बड़े पैमाने वाली और सस्ती कार थी लेकिन बहुत से लोग नहीं जानते थे कि यह मर्सिडीज-बेंज कारों के संस्थापक कार्ल बेंज थे, जिन्होंने पहली बार काम करने वाली कार बनाई थी, जिसे पेटेंट-मोटरवाहन मॉडल-III का नाम दिया गया था। कार के 4 पहिए नहीं बल्कि 3 पहिए थे। हालांकि सबसे दिलचस्प बात यह है कि इस कार की पहली चालक एक महिला थी।

बिना अनुमति चलाई पहली कार

कार्ल बेंज की पत्नी बर्था बेंज ने पति की अनुमति के बिना उनकी रचना को 106 कि.मी. (66 मील) तक दौड़ाया था। दरअसल, कार बनाने के तीन साल बाद भी जब गाड़ी की ब्रिकी नहीं हो रही थी तब बर्था को आइडिया आया। उनकी पत्नी बर्था का मानना था कि कार को बेचने का सबसे अच्छा तरीका है जनता को नए वाहन का इस्तेमाल करके दिखाना लेकिन उनके पति सहमत नहीं थे।

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बर्था बेंज ने की थी पहली लॉन्ग ड्राइव

ऐसे में अगस्त 1888 में बर्था बेंज अपने मॉडल III को अपने पति और अधिकारियों की अनुमति के बिना ले गई। उन्होंने अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने के लिए इसे 106 कि.मी. तक अपने माता-पिता के घर चलाकर लेकर गई। उन्होंने मैनहेम से Pforzheim की यात्रा की जो उस समय अवैध थी और पहली बार किसी ने एक महत्वपूर्ण दूरी पर एक ऑटोमोबाइल को दौड़ाया था। बर्था अपने 2 बच्चों - रिचर्ड और यूजेन के साथ 13-15 साल की उम्र में सड़क यात्रा की थी। इससे हमें यहभी पता चलता है कि दुनिया की पहली लॉन्ग ड्राइव करने वाली महिला भी बर्था बेंज थी।

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बर्था ने अपने हेट पिन के साथ एक अवरुद्ध ईंधन लाइन को साफ किया और गाड़ी को ठंडा करने के लिए बड़ी मात्रा में पानी का इस्तेमाल किया। बता दें कि बर्था ईंधन के लिए रास्ते में एक केमिस्ट शॉप पर रूकी थी, जिसे दुनिया का पहला पेट्रोल पंप कहा जाता है।

इस यात्रा के बाद मिली मर्सिडीज-बेंज को सफलता

आखिरकार, बर्था अपने अंतिम गंतव्य पर पहुंच गया और कार्ल बेंज को एक टेलीग्राम द्वारा सफल यात्रा की जानकारी दी। उसका मिशन अपने पति को यह साबित करना था कि ऑटोमोबाइल एक महत्वपूर्ण आविष्कार है और इसका विपणन करने पर यह एक वित्तीय सफलता बन जाएगी। कार की यात्रा सफल रही और उसकी बिक्री में बढ़ोतरी हुई। बाद में, कार्ल बेंज ने डेमलर गोटलीब के साथ मिलकर मर्सिडीज-बेंज की स्थापना की। दोनों ने परियोजना में बड़ी राशि का निवेश किया था।

बेंज मेमोरियल रूट

बता दें कि बर्था ने जिस रास्ते पर दुनिया की पहली कार चलाई उसे 2008 में 'बर्था बेंज मेमोरियल रूट' का नाम दे दिया गया था। मर्सिडीज-बेंज कहती है, "उन्होंने हम सभी को मार्ग दिखाने के लिए आगे का रास्ता बनाया।"

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Carl Benz ने नहीं किया कारों का अविष्कार

ज्यादातर लोंगों को लगता है कि पहली कार का निर्माण कार्ल बेंज ने किया है जबकि ऐसा नहीं है। पहली कार सन 1769 में निकोलस जोसेफ नॉट ने पहली सेल्फ प्रोपेल्ड कार बनाई थी, जिसपर स्टीम इंजन लगा था। हालांकि कार्ल बेंज ने ही दुनिया की पहली काम करने वाली कार का अविष्कार किया था।

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