नारी डेस्कः ब्रेस्ट फीडिंग वीक चल रहा है और इस बारे में जानना हर महिला के लिए जरूरी है। सिर्फ आपके बच्चे के लिए ही नहीं बल्कि आपकी खुद की बॉडी के लिए भी ब्रेस्ट फीडिंग बहुत फायदेमंद मानी जाती हैं। ऐसी बहुत सी एक्ट्रेस हैं जिन्होंने अपने बच्चों को रेग्यूलर ब्रेस्टफीड करवाई है जिसमें रूबीना, देबीना, भारती, लारा दत्ता औऱ नेहा धूपिया जैसे कई स्टार्स शामिल हैं और इन एक्ट्रेस ने बाकी महिलाओं को भी इसके लिए इंस्पायर किया क्योंकि बच्चे को मां के दूध से ही पूरा पोषण मिलता है। पहले 6 महीने तो यह बहुत जरूरी है। इससे बच्चे की इम्यूनिटी स्ट्रॉग होती है। शिशु को एलर्जी, एग्जिमा, अस्थमा का खतरा कम रहता है। ये दूध आसानी से पच जाता है।
वहीं मां को भी ब्रेस्टफीडिंग के कई फायदे हैं जैसेः लारा दत्ता ने अपना एक्सपीरियंस शेयर करते कहा था कि स्तनपान से उनकी बॉडी हैल्दी भी हुई और शेप में भी आई। सबसे बड़ी बात ब्रेस्टफीडिंग करवाने से ब्रेस्ट और ओवेरियन कैंसर के होने की संभावना काफी कम हो जाती है। शरीर में हार्मोंनस का लेवल सही रहता है और वजन कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है। बच्चे के लिए तो मां का दूध वरदान है ही, मां की सेहत के लिए भी यह बहुत फायदेमंद है।
विश्व स्तनपान सप्ताह: स्तनपान के फायदे ही फायदे
विश्व स्तनपान सप्ताह हर साल 1 अगस्त से 7 अगस्त तक मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य मां के दूध की महत्ता को बढ़ावा देना और जागरूकता फैलाना है। मां का दूध नवजात शिशुओं के लिए सर्वश्रेष्ठ
आहार होता है, जो उन्हें कई बीमारियों से बचाता है और उनके विकास में मदद करता है।
शिशु के लिए:
संपूर्ण पोषण: मां के दूध में सभी आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जैसे विटामिन, प्रोटीन, फैट, और कार्बोहाइड्रेट, जो शिशु के विकास के लिए जरूरी हैं।
इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाना: मां के दूध में एंटीबॉडीज होते हैं जो शिशु के इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं और उन्हें संक्रमणों और बीमारियों से बचाते हैं।
एलर्जी और रोगों से सुरक्षा: स्तनपान करने वाले शिशुओं में एलर्जी, एक्जिमा, और अस्थमा जैसी समस्याओं का जोखिम कम होता है।
पाचन में सहायक: मां का दूध आसानी से पच जाता है, जिससे शिशु को दस्त और डायरिया जैसी समस्याएं नहीं होती हैं।
मां के लिए:
भावनात्मक जुड़ाव: स्तनपान से मां और बच्चे के बीच इमोशनल बॉन्डिंग मजबूत होती है।
वजन घटाने में मदद: स्तनपान करने से माताओं को गर्भावस्था के दौरान बढ़े वजन को कम करने में मदद मिलती है।
कैंसर का जोखिम कम: स्तनपान कराने से मां को स्तन कैंसर और ओवेरियन कैंसर का जोखिम कम होता है।
स्तनपान से होने वाले कुछ नुकसान
हालांकि स्तनपान के अनेक फायदे हैं, लेकिन कुछ स्थितियों में चुनौतियां भी आ सकती हैं जैसे
शारीरिक थकान: लगातार स्तनपान कराने से मां को शारीरिक थकान महसूस हो सकती है।
पोषण की कमी: यदि मां का आहार संतुलित नहीं है, तो शिशु को आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो सकती है लेकिन अगर मां अपनी डाइट का पूरी तरह से ध्यान रखें तो यह समस्या नहीं आएगी। यदि किसी महिला को स्तनपान के दौरान कोई समस्या हो रही है, तो उसे डॉक्टर या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए।
भारत सरकार की पहल
भारत सरकार ने स्तनपान को प्रोत्साहित करने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं:
माँ (Mothers Absolute Affection- MAA): यह योजना माताओं को स्तनपान के महत्व के बारे में जागरूक करती है।
वात्सल्य- मातृ अमृत कोष (Vatsalya- Maatri Amrit Kosh): इसमें नेशनल ह्यूमन मिल्क बैंक और स्तनपान परामर्श केंद्रों की स्थापना की गई है।