संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि भारत में पिछले 15 वर्ष के दौरान कुपोषित लोगों की संख्या में कमी आई है और यह संख्या घटकर 2019-2021 के बीच 22 करोड़ 43 लाख रह गई है। हालांकि एनीमिया (खून की कमी) की शिकार महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो चिंता का विषय है।
एनीमिया का तेजी से शिकार हो रही महिलाएं
रिपोर्ट में कहा गया कि देश दुनिया की दूसरी सबसे ज्यादा आबादी वाले देश में मोटापे से परेशान वयस्कों और एनीमिया की शिकार महिलाओं की संख्या बढ़ रही है। एनीमिया से पीड़ित 15 से 49 वर्ष की महिलाओं की संख्या 2012 में 17 करोड़ 15 लाख थी जो 2019 में बढ़कर 18 करोड़ 73 लाख हो गई।
भूख से प्रभावित लोगों की संख्या में आई कमी
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ), अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष (आईएफएडी), यूनिसेफ, विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी की गई ‘विश्व में खाद्य सुरक्षा और पोषण की स्थिति 2022’ रिपोर्ट में कहा गया कि दुनियाभर में भूख से प्रभावित लोगों की संख्या 2021 में बढ़कर 82.8 करोड़ हो गई।
देश में मोटापे से पीड़ित हैं कई लोग
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में 2004-06 के दौरान कुपोषित लोगों की संख्या 24.78 करोड़ थी जो घटकर 2019-2021 के दौरान 22 करोड़ 43 लाख रह गई। रिपोर्ट में कहा गया कि पांच साल से कम उम्र के जिन बच्चों का विकास रुक गया है उनकी संख्या 2012 में पांच करोड़ 23 लाख थी जो 2020 में घटकर तीन करोड़ 61 लाख रह गई। देश में मोटापे से पीड़ित लोगों की संख्या 2012 में दो करोड़ 52 लाख थी जो 2016 में बढ़कर तीन करोड़ 43 लाख हो गई।
महिलाओं क्याें हो रही एनिमिया का शिकार
भारत में महिलाओं में एनिमिया या खून की कमी की समस्या काफी वर्षों से बनी हुई है। पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक और संतुलित डाइट ना मिल पाना इसका सबसे बड़ा कारण है। आमतौर पर यह भी देखा गया है कि जो औरतें दिनभर काम में लगी रहती हैं, ऐसे में वह अपनी सेहत पर ध्यान नहीं दे पाती हैं। नतीजनत शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने लगती है और शरीर को स्वस्थ और मजबूत रखने वाली रेड ब्लड सेल्स का निर्माण कम हो जाता है।
क्या है एनिमिया के लक्षण
थकान और कमजोरी
बार-बार चक्कर आना
त्वचा की रंगत सफेद होना
जीभ और नाखूनों का रंग सफेद होना
चलत-फिरते हुए सांस फूलना
हार्टरेट बढ़ना
चेहरा और पैरों में सूजन
इस तरह रखें अपना ख्याल
-संतुलित डाइट लें जिसमें मौसमी सब्जियां, फल, साबुत अनाज, दूध और पोल्ट्री प्रॉडक्ट्स शामिल हों।
-पालक खून की कमी के लिए सबसे अच्छा घरेलू उपचार है। इसमें आयरन होने के साथ विटामिन बी 12, फोलिक एसिड जैसे पोषक तत्व हैं।
-अनार, गाजर, बीटरूट और शलजम जैसी सब्जियां और फल शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाने में मददगार माने जाते हैं।
-अंकुरित अनाज शरीर को शक्ति देने और कमजोरी दूर करने के लिए उपयुक्त आहार माने जाते हैं।
-खाने में अधिक गुड और चना का इस्तेमाल करें। जो कि हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करेगा।
-एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर तुलसी की 8-10 पत्तियां रोजाना चबाने से भी आयरन की कमी पूरा होती है।