आज के मॉर्डन समय में पति-पत्नी दोनों ही एक साथ जॉब कर अपनी फैमिली का सहारा बन रहे हैं और उन्हें एक साथ चला रहे हैं। कुछ परिवारों में भले ही लड़कियों को काम न करने दिया जाए लेकिन कुछ ऐसे परिवार भी हैं जहां लड़कियों को पूरा सपोर्ट किया जाता है। अब कहते हैं न कि एक से भले दो और आजकल के मंहगाई भरे जमाने में दो लोग ही जॉब कर फैमिली को पाल सकते हैं। लेकिन कईं बार जब पत्नी की कमाई पति से ज्यादा होने लगती है लोग बातें बनाना शुरू कर देते हैं। जिससे जितना भी सपोर्टिव रिलेशनशिप क्यों न हो खराब हो ही जाता है।
पति के परिवार को पड़ता है फर्क
कई बार देखा जाता है कि पत्नी कि सैलरी पति से ज्यादा होती है। इस बात से भले ही पति को फर्क ना पड़ता हो लेकिन सास-ससुर को लगने लगता है कि अगर बहु ज्यादा कमाने लग गई तो वो उनके बेटे और परिवार पर हुकूम चलाने लग जाएगी।
रिश्ते पर पड़ता है असर
अक्सर देखा जाता है कि अगर महिला पुरुष से ज्यादा कमाती है तो दोनों के बीच के रिश्ते में ईर्ष्या आने लग जाती है। पति कमाई करने वाली पत्नी तो चाहते हैं लेकिन इसके साथ ही वे उन्हें अपने से आगे निकलते हुए नहीं देखना चाहते। पत्नी अगर ज्यादा कमाने लग जाती है तो इससे पुरुषों के अहम और उनके रुतबे को ठेस पहुंचती है। हालांकि कई पति बेहद सपोर्टिव भी होते है जो अपनी पत्नी को खुद से आगे निकलता हुआ देखना चाहते हैं।
पुरुषों को अपनी सोच बदलने की जरूरत
आज के समय में पुरुष अपने लिए वर्किंग पत्नी की तलाश करते हैं। हालांकि इसके साथ ही उनकी शर्तें होती हैं कि पत्नी की सैलरी उनसे ज्यादा ना हो। अगर पत्नी ज्यादा कमाने लग जाती है तो पति उनकी हर बात को उनकी घमंड और अहंकार समझता है। ऐसे में दोनों के रिश्ते में खटास आने लग जाती है।
पुरुषों को भी संभालनी चाहिए जिम्मेदारी
पत्नी के ज्यादा कमाई करने से पति में जलन और ईर्ष्या की भावना काफी हद तक बढ़ जाती है। जो कि एक अच्छे खासे रिश्ते को बर्बाद करने का काम करती है। मगर पुरुषों को जलन और ईर्ष्या की भावना छोड़कर अपनी जिम्मेदारी को समझना चाहिए। जिस तरह महिलाएं आर्थिक ज़िम्मेदारी के साथ-साथ घर भी संभालती हैं उसी तरह पुरुषों को भी कमाई के साथ घर में पत्नियों का हाथ बंटाना चाहिए।