हमारे समाज में शादी से पहले संबंध बनाना हमारे समाज में सही नहीं माना जाता इसलिए कुंवारापन के नाम पर सदियों से महिलाओं का वर्जिनिटी टेस्ट होता आ रहा है। अगर लड़की इस टेस्ट में फेल हो जाए तो उसके चरित्र पर सवाल खड़े कर दिए जाते हैं जबकि सच्चाई तो यह है कि वर्जनिटी सिर्फ शारीरिक संबंध बनाने से नहीं टूटती। इसके और भी कई कारण हो सकते हैं, जिसके बारे में आज हम आपको बताएंगे।
बिना संबंध बनाए भी डैमेज हो सकते है मेंबरेन
यह गलत धारणा है कि अगर कोई महिला पहली बार संबंध बनाने के दौरान खून बहाती है तो वह कुंवारी है। सिर्फ संबंध बनाने से ही लड़की के मेंबरेन डैमेज नहीं होते। एक्सपर्ट की मानें तो स्पोर्ट्स से ताल्लुक रखने वाली लड़कियों में मेंबरेन डैमेज होने का ज्यादा खतरा रहता है।
. पैर स्ट्रेच करना, हॉर्स राइडिंग, जंपिंग, साइकलिंग या रेसिंग जैसी एक्टिविटी के कारण भी हाइमन ब्रेक हो सकता है। दरअसल, इसमें टांगें काफी स्ट्रैच होती है, जिससे इसका खतरा बढ़ जाता है।
. इसके अलावा मेंस्ट्रुअल कप्स (Menstrual Cups) का अधिक इस्तेमाल भी इसका कारण हो सकता है।
महिलाओं में बढ़ रहा रेस्टोरेशन ऑफ वर्जिनिटी का क्रेज
खुद के चरित्र पर उठने वाले सवालों से बचने के लिए आजकल महिलाएं वर्जनिटी रिस्टोर यानि हाइमनोप्लास्टी सर्जरी का सहारा लेने लगी है। ज्यादातर शादी से पहले संबंध बनाने वाली या रेप जैसी घटनाओं की शिकार हुआ महिलाएं इस सर्जरी का सहारा लेती हैं, ताकि शादी के बाद उनके वैवाहिक जीवन में कोई परेशानी ना आए।
सबसे पहले होगी जांच
सर्जरी से पहले महिला की जांच करके यह पता लगाया जाता है कि उनकी सर्जरी होगी या नहीं। इसे प्लास्टिक सर्जरी भी कहते हैं, जो महज आधे घंटा में हो जाती है।
कैसे की जाती है सर्जरी?
सर्जरी में एक तरीके से मेंबरेन को रिकवर करने की कोशिश की जाती है। इसमें देखा जाता है कि योनि में कितना हाइमन या मेंबरेन रह गया है। अगर हाइमन रह जाए तो उसे दोबारा से सिलकर मेंबरेन बनाई जाती है, जिसके लिए थ्रेड का यूज होता है। यह धागे कुछ ही दिनों में ऊतकों के साथ घुल जाते हैं, जिससे कोई नुकसान नहीं होता। अगर हाइमर ना बचा हो तो मेंबरेन टिशूज से इसे दोबारा बनाया जाता है। सर्जरी में महिलाओं को सिर्फ लोकल एनेस्थिसिया दिया जाता है।
सर्जरी से पहले व बाद में रखें इन बातों का ध्यान
सर्जरी के बाद मरीज को सिर्फ आधे से एक घंटे के लिए ही हॉस्पिटल में रखा जाता है, जिसके बाद उन्हें डिस्चार्ज मिल जाता है।
. मगर, सर्जरी से पहले इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी कि आपको पीरियड्स ना आए हो।
. किसी तरह की इंफेक्शन होने की वजह से भी सर्जरी नहीं हो पाएगी।
. सर्जरी के अगले दो दिन तक भारी-भरकम काम करने से बचें, नहीं तो सर्जरी को नुकसान हो सकता है।
. डॉक्टर सलाह देते हैं कि शादी के चार महीने पहले ही सर्जरी करवाई जाए। हालांकि इसे कभी भी करवाया जा सकता है।
. सर्जरी के बाद महिलाओं को 4-5 महीने तक संबंध बनाने से बचना चाहिए।
क्या प्रेगनेंसी पर पड़ता है असर?
हाइमन ब्रेक होने से कंसीव करने का कोई संबंध नहीं है। वहीं, वर्जिनिटी सर्जरी करवाने के बाद भी महिलाएं बेफ्रिक होकर जब चाहे कंसीव कर सकती हैं। इससे किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आती।