कुछ लोग घर में जानवर पालने के बहुत इच्छुक होते हैं लेकिन अपने शौक को इस वजह से पूरा नहीं कर पाते कि कहीं उनके बच्चे को एलर्जी न हो जाए। अगर आपके घर में बच्चा और पालतु कुत्ता दोनों हैं तो चिंता करने की कोई बात नहीं। हाल ही में हुए शोध में यह बात सामने आई है कि जिन घरों में कुत्ते पाले जाते हैं उस घर के बच्चे में अस्थमा होने का खतरा बहुत कम हो जाता है।
डॉग के साथ रहने वाले बच्चे को अस्थमा का खतरा कम
कैरोलिंस्का इंस्टिट्यूट और स्वीडन के उप्सला यूनिवर्सिटी के द्वारा हुए अध्य्यन में स्वीडन के 2001 से 2004 के बीच जन्में 23,585 नवजात शिशुओं का डाटा शामिल किया। इसमें कुत्तों के साइज, ब्रीड, सेक्स के साथ-साथ बच्चे और डॉग के बीच का रिश्ता और अस्थमा के खतरे की पूरी जांच की गई। 10 लाख बच्चे के विशलेषण की जानकारी लेकरभी इस शोध का कोई निर्णय नहीं निकल सका।
इसके बाद दोबारा इस विषय पर शोध किया गया और यह बात निकलकर सामने आई कि जो बच्चे पालतु यानि फीमेल डॉग के संपर्क में अपना बचपन बिताते हैं उन्हें बाकी बच्चों की तुलना में अस्थमा होने का खतरा 15 से 16 फीसदी कम हो जाता है।
घर में कुत्ता पालने के फायदे
घर में पालतु जानवर होने से बच्चे के साथ-साथ बड़ों को भी कई फायदे मिलते हैं। ब्लड प्रैशर, तनाव आदि सेहत संबंधी कई तरह की परेशानियों से छुटकारा भी मिल जाता है।
बच्चे को होता जिम्मेदारी का अहसास
घर में रखे कुत्ते के साथ समय बिताने से बच्चे बड़े होने तक जिम्मेदार हो जाते हैं। वे उनके साथ खेलते-खेलते पालतु की देखभाल करना सीख लेते हैं। इसी के साथ-साथ उनकी सेंस ऑफ रिस्पॉन्सबिलिटी भी डेवलप होती है।
रोजाना सैर करने का मौका
पालतु के साथ आपको भी रोजाना सैर करने का मौका मिल जाता है। घर से बाहर जाकर डॉग फ्रेश भी हो जाता है और रूटीन से आप भी सैर कर सकते हैं।
तनाव होता है कम
कुत्ते से साथ खेलने और समय बिताने से तनाव बहुत हद तक कम हो जाता है। उसकी शरारतों को देखकर आप खुश होते हैं, जिससे मानसिक परेशानी से छुटकारा मिल जाता है।
ब्लड प्रैशर नॉर्मल
हाई ब्लड प्रैशर के रोगी के लिए कुत्ते के साथ समय बिताना बहुत अच्छा होता है। इससे नींद भी अच्छी आती है और दिल भी दुरुस्त रहता है।
बढ़ती है सोशल लाइफ
सामाजिक तालमेल बढ़ाने में भी घर में पाला गया कुत्ता बहुत मददगार है। जब कुत्ते को लेकर आप वॉक पर निकलते हैं तो आपकी सोशल लाइफ में भी इजाफा हो जाता है। लोग आपको पहले से ज्यादा जानने लगते हैं।
बढ़ता है एनर्जी लेवल
कुत्ते बहुत फुर्तीले होते हैं, उनके साथ रहकर आप और बच्चा दोनो एक्टिव हो जाते हैं। नतीजा बॉडी का एनर्जी लेवल बढ़ने लगता है।
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