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कब और क्यों जरूरी है Pap smear test? महिलाओं को जरूर पता होनी चाहिए ये बातें

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 03 Feb, 2024 02:35 PM
कब और क्यों जरूरी है Pap smear test?  महिलाओं को जरूर पता होनी चाहिए ये बातें

पूनम पांडे ने हाल में cervical cancer को लेकर जागरुकता फैलना लिए अपनी मौत की झूठी खबर फैलाई थी। वहीं साल 2024- 25 के बजट में भी निर्मला सीतारमन ने  cervical cancer के बढ़ते मामलों को देखते हुए फ्री HPV vaccinations का वादा किया। महिलाओं में इस बीमारी को लेकर जागरूकता बहुत कम है। भारत में 10 में से हर 1 महिला को cervical cancer होता है। कई महिलाएं इस कैंसर के चलते अपनी जान गंवा रही हैं। हालांकि ये एक ऐसा कैंसर है, जिससे बचाव संभव है। जरूरत है बस जागरूकता और HPV vaccination की। 

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क्या है सर्वाइकल कैंसर

 सर्विकल कैंसर गर्भाषय ( यूट्रेस) के सबसे नीचे के भाग का घातक ट्यूमर होता है, जो गर्भशय के निचले भाग से शुरु होकर ऊपर योनी तक जुड़ता है, जिसे गर्भाशय ग्रीवा भी कहते हैं। सर्विकल कैंसर ज्यादातर पैपिलोमा वायरस (HPV) के संक्रमण के कारण होता है। 

 सर्विकल कैंसर के लक्षण

-असामान्य रक्तस्राव
-बार-बार पेशाब होना
-वजन कम होना
-पीठ के निचले हिस्से या कूल्हों में दर्द
-प्राइवेट पार्ट से बदूब आना
-यूरिनेट करते हुए दर्द होना
-दस्त
-थकान
-भूख कम लगना 

हालांकि ऊपर बताए गए लक्षणों के बाद भी इस बीमारी का कई बार आखिरी स्टेज तक पता नहीं चलता है। ऐसे वक्त में पैप स्मीयर टेस्ट काम आता है।

पैप स्मीयर टेस्ट से जरिए हो सकती है बीमारी डिटेक्ट 

उन महिलाओं को सर्विकल कैंसर का ज्यादा खतरा रहता है जो  सेक्सुअली एक्टिव हैं। इंटरकोर्स में एक्टिव 80% लोग अपनी लाइफ में कम से कम एक बार जरूर  HPV संक्रमण के संपर्क में आते हैं हालांकि ये संक्रमण थोड़े समय के लिए ही रहता है लेकिन जो लोग HPV से एक से ज्यादा बार संक्रमित होते हैं या उनमें HPV संक्रमण वर्षों तक रहता हैं उन्हें इस कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। भारत में खासकर तीसरी या चौथी स्‍टेज पर जाकर महिलाओं में यह डिटेक्ट हो पाता है, इसलिए आप पैप स्मीयर टेस्ट जरूर करवाएं। इससे बीमारी के पकड़े जाने के Chances बढ़ जाते हैं।

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कैसे होता है टेस्ट?

यह टेस्ट कुछ ही मिनटों में पूरा हो जाता है। अस्पताल या क्लीनिक में डॉक्टर आपको टेस्ट के लिए तैयार करेंगे। इसके लिए आपको कमर से नीचे के कपड़े उतारने को कहा जाएगा। आपको एक टेबल पर पीठ के बल लेटना होगा और घुटने मोड़कर पैर स्टीयरप्स पर रखने होंगे। इसके बाद डॉक्टर धीरे-धीरे योनि में स्पेक्युलम नाम का उपकरण डालेंगे। यह उपकरण योनि की दीवारों को अलग-अलग करता है, ताकि डॉक्टर गर्भाशय ग्रीवा में आसानी से देख पाएं। स्पेक्युलम को योनि में डालने पर पेल्विक क्षेत्र में थोड़ी-बहुत सनसनी या दबाव महसूस हो सकता है। इसके बाद स्पेक्युलम के अंदर से रुई से लिपटे एक एप्लीकेटर, स्बैव या ब्रश को गर्भाशय ग्रीवा में डालकर सैंपल के रूप में गर्भाशय से कोशिकाओं को इकट्ठा किया जाता है।

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पैप स्मीयर टेस्ट कब करवाएं?

21 साल की उम्र के बाद महिलाओं को नियमित रूप से पैप स्मीयर टेस्ट करवाना शुरू कर देना चाहिए। कुछ महिलाओं में संक्रमण और कैंसर विकसित होने की आशंका ज्यादा होती है। यदि आपको निम्न समस्याएं हैं तो जल्द से जल्द पैट टेस्ट करवाना चाहिए। यदि आपकी उम्र 65 साल से ज्यादा हो चुकी है और पूर्व में आपके पैप स्मीयर टेस्ट के रिजल्ट नॉर्मल आए हैं तो अब आप यह टेस्ट करवाना बंद कर सकती हैं। अगर आप सेक्सुअल रिलेशन में नहीं हैं तो भी आपको नियमित रूप से पैप स्मीयर टेस्ट करवाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि जिस एचपीवी वायरस की वजह से  सर्विकल कैंसर होता है, वह कई वर्षों तक निष्क्रिय रहकर फिर से सक्रिय हो सकता है।

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