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पितृपक्ष में मृत्यु होना किस बात का है संकेत ? जानें भटकती रहेगी आत्मा या मिलेगी मुक्ति

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 23 Sep, 2024 12:16 PM
पितृपक्ष में मृत्यु होना किस बात का है संकेत ? जानें भटकती रहेगी आत्मा या मिलेगी मुक्ति

नारी डेस्क:  पितृपक्ष के दौरान पूरे देश में लोग अपने पितरों के प्रति श्रद्धा प्रकट कर रहे हैं। कोई पिंडदान कर रहा है तो कोई नियमित तर्पण विधि कर रहा है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान यदि किसी की मृत्यु हो जाती है, तो इसे धार्मिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील घटना माना जाता है। पितृ पक्ष का समय उन पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए होता है, जो पहले ही इस संसार को छोड़ चुके होते हैं। इस दौरान मृत्यु को विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण माना जाता है और इसके कुछ धार्मिक और आध्यात्मिक पहलू होते हैं

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मृत्यु का धार्मिक महत्त्व

पितृ पक्ष के दौरान मृत्यु को धार्मिक मान्यता के अनुसार शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस समय यदि किसी की मृत्यु होती है, तो उसकी आत्मा को मोक्ष प्राप्त हो सकता है। इस समय पूर्वजों की आत्मा धरती पर आती है और मृत्यु होने पर उस आत्मा का आसानी से पितृ लोक में जाना संभव होता है।

 

श्राद्ध कर्म

पितृ पक्ष के दौरान यदि किसी की मृत्यु होती है, तो उसकी आत्मा के लिए विशेष श्राद्ध कर्म और तर्पण किए जाते हैं। यह सुनिश्चित किया जाता है कि मृतक की आत्मा को पितृ लोक में स्थान मिल सके और उसे शांति प्राप्त हो। इसके लिए परिवार को धार्मिक रूप से विधिपूर्वक श्राद्ध कर्म करना चाहिए। पितृ पक्ष में मृत्यु होने पर सामान्य क्रियाकर्म के साथ-साथ पितरों के लिए किए जाने वाले श्राद्ध में मृतक को भी शामिल किया जाता है। 

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मोक्ष की प्राप्ति

 धार्मिक मान्यता के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान मृत्यु होने पर आत्मा को पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति संभव होती है। इस समय पितरों की आत्माएं धरती पर उपस्थित मानी जाती हैं और इस समय की गई प्रार्थनाएं और कर्म विशेष फलदायी मानी जाती हैं।अगर पितृ पक्ष में किसी की मृत्यु होती है, तो उसके अगले साल से हर पितृ पक्ष के दौरान उसकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म करना आवश्यक होता है। 
 

धार्मिक कर्तव्यों का पालन करना जरूरी


पितृ पक्ष के दौरान किसी की मृत्यु धार्मिक रूप से एक गहन घटना मानी जाती है। इसे आत्मा की मुक्ति और पितरों के साथ पुनर्मिलन के रूप में देखा जाता है। इस समय परिवार को मृतक के प्रति सही धार्मिक कर्तव्यों का पालन करना चाहिए, ताकि उसकी आत्मा को शांति और मोक्ष मिल सके।
 

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