पोलियो एक ऐसी संक्रामक बीमारी है जो इंफेक्शन के कारण फैलती है। अक्सर सभी यह कहते हैं कि पोलियो का टीका जरुर लगवाना चाहिए। हर साल 24 अक्टूबर को लोगों में पोलियो के वैक्सीनेशन के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए विश्व पोलियो दिवस मनाया जाता है। इस दिन पोलियो को जड़ से मिटाने के लिए उन देशों का साथ दिया जाता है जहां अभी भी लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं। आपको बता दें कि भारत को जनवरी 2014 में ही पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया गया था और ऐसा इसके प्रभावी टीकों के कारण हुआ है। चलिए आज विश्व पोलियो दिवस के मौके पर आपको बताते हैं कि पोलियो क्या बीमारी है और इसके लक्षण क्या हैं।
क्या होती है पोलियो की बीमारी?
पोलियो जिसे पोलियोमेलाइटि भी कहते हैं। यह बीमारी व्यक्ति को दिव्यांग बना देती है। यह बीमारी पोलियो नाम के वायरस के कारण होती है। व्यक्ति से व्यक्ति में फैलने वाला यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी पर प्रभाव डालता है जिससे पक्षाघाथ होने की अशंका होती है। पक्षाघात की स्थिति में शरीर को हिलाया नहीं जा सकता और व्यक्ति का हाथ, पैर या फिर कोई अन्य अंग दिव्यांग हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के निरंतर प्रयासों और विभिन्न देशों की सरकारों की एकजुटता और टीकाकरण अभियान ने दुनिया में कई लोगों को इस खतरनाक बीमारी से बचाया है।
इसके लक्षण
पोलियो से संक्रमित लगभग 72 फीसदी लोग किसी भी लक्षण का अनुभव नहीं करते हैं। परंतु इसके शरीर में कुछ लक्षण दिख सकते हैं।
गले में खराश
बुखार
सिरदर्द
पेट दर्द
उल्टी
डायरिया
थकावट
गर्दन और पीठ में अकड़न
मांसपेशियों में दर्द
पैर या हाथ हिलाने में तकलीफ
पैरालाइसिस
कैसे फैलती है यह बीमारी?
टॉयलेट जाने के बाद अच्छी तरह से हाथों को न धोना
गंदा पानी पीना या उसमें ही खाना बनाना
संक्रमित व्यक्ति के थूक, लार या फिर मल के संपर्क में आना
गंदे पानी में तैरने से
गंदा खाना खाने से
किस तरह करें बचाव
पोलियो से बचाव सिर्फ वैक्सीन है। इस बीमारी से बचने के लिए ओरल वैक्सीन दी जाती है । यह ड्रॉप्स हर साल 5 साल साल से कम उम्र के बच्चों को ही बिलाई जाती है।