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IVF के जरिए सिद्धू मूसेवाला का भाई का जन्म, जानें महिलाओं के लिए कितनी सेफ है ये तकनीक?

  • Edited By palak,
  • Updated: 17 Mar, 2024 12:14 PM
IVF के जरिए सिद्धू मूसेवाला का भाई का जन्म, जानें महिलाओं के लिए कितनी सेफ है ये तकनीक?

पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के घर एक बार फिर से खुशियां आई हैं। उनकी मां चरणकौर ने आईवीएफ ट्रीटमेंट के जरिए बेटे को जन्म दिया है। 58 साल की उम्र में उन्होंने आईवीएफ तकनीक का सहारा लेकर बेटे का स्वागत किया है। लेकिन इस उम्र में महिलाओं के लिए आईवीएफ ट्रीटमेंट लेना कितना सही है। 50 साल की उम्र के बाद या मेनोपॉज के बाद क्या यह आईवीएफ महिलाओं के लिए फायदेमंद है? इस उम्र में आईवीएफ के जरिए प्रेग्नेंट होने से महिलाओं के स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है आज आपको इस आर्टिकल के जरिए बताते हैं। आइए जानते हैं। 

आखिर क्या है आईवीएफ तकनीक?

एक्सपर्ट्स की मानें तो आईवीएफ विट्रो फर्टिलाइजेशन तकनीक है। साधारण भाषा में इसे टेस्ट ट्यूब बेबी भी कहते हैं। यह तकनीक ऐसे कपल्स के लिए है जो कंसीव नहीं कर पाते। पिछले कुछ समय से यह तकनीक काफी प्रचलित भी हो रही है। सिर्फ सिद्धू मूसेवाला की मां ही नहीं बल्कि कई बी-टाउन एक्ट्रेस भी इस ट्रीटमेंट का सहारा ले चुकी हैं। इस प्रोसेस में महिलाओं की ओवरी से अंडे को बाहर निकालकर लैब में स्पर्म के साथ फर्टिलाइज किया जाता है। बाद में इसी फर्टिलाइज एग को फिर से महिला के गर्भ में ट्रांसफर किया जाता है। लेकिन बढ़ती उम्र के साथ-साथ महिलाओं के अंडे की संख्या और गुणवत्ता दोनों में ही कमी आती है जिसके कारण प्रेग्नेंसी में कई सारी कॉम्पिलकेशन्स हो सकती है।

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बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं के लिए खतरा है आईवीएफ

यदि 50 के बाद आप आईवीएफ ट्रीटमेंट के जरिए प्रेग्नेंसी चाहती हैं तो पहले ये देखा जाएगा कि मां बनने की चाह रखने वाली महिला को किसी तरह की बीमारी तो नहीं है। यदि उन्हें हाई बीपी या डायबिटीज जैसी समस्या है तो प्रेग्नेंसी के दौरान यह बढ़ सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उस समय महिलाओं के पेट में एक बच्चा पल रहा होता है जिसके कारण शरीर को ज्यादा मेहनत करती पाती है। बढ़ती उम्र में जब शरीर पर ज्यादा जोर पड़ता है तो महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए यह खतरनाक हो सकता है।   

50 के बाद पड़ती है डोनर की जरुरत 

50 की उम्र के बाद यदि महिलाएं आईवीएफ तकनीक के जरिए मां बनना चाहती हैं तो उन्हें डोनर की जरुरत पड़ती है। एक्स्ट्रा डोनर यानीकी वो अपने साथ के शुक्राणु यानी की स्पर्म को किसी युवा एग डोनर के अंडे के साथ फर्टिलाइज करवाती हैं। इस तरीके से 50 के बाद भी महिलाओं में प्रेग्नेंसी की संभावना बढ़ जाती है।

मेनोपॉज के बाद कितना सेफ आईवीएफ?

45-50 की उम्र के बाद महिलाओं में मेनोपॉज (यानी की पीरियड्स साइकिल) बंद हो जाती है। ऐसे में पहला सवाल महिलाओं के मन में यही आता है कि क्या इसके बाद आईवीएफ के जरिए प्रेग्नेंसी संभव है? इस बात पर एक्सपर्ट्स का मानना है कि महिलाएं इसके बाद भी आईवीएफ के जरिए प्रेग्नेंट हो सकती हैं इसके लिए उन्हें हार्मोन्ल इंजेक्शन दिए जाते हैं जिससे उनका गर्भाश्य फिर से एक्टिव हो जाता है। 

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आईवीएफ के दौरान ध्यान में रखें ये बातें 

आईवीएफ ट्रीटमेंट के यदि आप प्रेग्नेंट हो रही हैं तो अपना लाइफस्टाइल हेल्दी रखें। 

.  हेल्दी प्रोटीन बेस्ड डाइट का सेवन करें। 

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.  लाइट एक्सरसाइज जैसे योग और प्राणायाम करें। 

. अगर आपके ट्विन्स बेबीज हैं तो अपना ज्यादा ध्यान रखें और एक्सपर्ट्स की सलाह जरुर लें। 

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