भारत में भी कोरोना वायरस तेजी से पैर पसारता जा रहा है। ऐसे में लोगों को इस वायरस से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग बरतने के लिए कहा जा रहा है। हालांकि डॉक्टर्स, नर्सेंज, वैज्ञानिक और पुलिसकर्मचारी कोरोना की जंग को जीतने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। रोजाना टेस्ट सैंपल लिए जा रहे हैं और इनकी जांच भी हो रही है। वहीं हॉटस्पॉट इलाकों में एंटीबॉडी टेस्ट भी किए जा रहे हैं।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने एंटीबॉडी टेस्ट के बारे में पूरी जानकारी देते हुए कहा कि इसका इस्तेमाल हर जगह करना फायदेमंद नहीं होगा इसलिए सिर्फ हॉटस्पॉट वाले इलाके में ही किया जाएगा। चलिए जानते हैं एंटीबॉडी टेस्ट किट क्या है और यह कैसे काम करता है...
क्या है एंटीबॉडी टेस्ट किट?
शरीर में जब किसी भी तरह का कीटाणु या जीवाणु प्रवेश करता है तो उससे लड़ने के लिए वैज्ञानिक एंटीबॉडी तैयार करते हैं। इसके मदद से इम्यूनिटी को बढ़ाया जाता है ताकि शरीर को उस वायरस से लड़ने का ताकत मिल सके।
2 तरह की होती है एंटीबॉडी टेस्ट किट
यह किट दो तरह की होती है। पहली, लैब टेस्ट, जिसमें करीब दिनभर का समय लगता है। दूसरी- पॉइंट ऑफ केयर टेस्ट, जिससे कोरोना की जांच रिपोर्ट न्यूनतम 5 और अधिकतम 15 मिनट में सामने आ जाती है। बता दें कि इसका खर्च भी 500 से 600 रुपये के बीच होगा।
कैसे करती है काम?
एंटीबॉडी टेस्ट किट में ब्लड सैंपल लिया जाता है, जिससे शरीर में वायरस की प्रतिक्रिया को नोट किया जाता है। इसके जरिए यह देखा जाता है कि मरीज के खून में वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी काम कर रही है या नहीं।
लॉकडाउन के दौरान यह एंटीबॉडी टेस्टिंग किट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है क्योंकि इसका इस्तेमाल उनलोगों की पहचान के लिए किया जा रहा है, जिनमें कोरोना का खतरा है।