कोरोना की दूसरी लहर के बीच अब ब्लैक फंगस ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान और गुजरात के अलावा कई राज्यों में ब्लैक फंगस के मामले देखें गए हैं। देश में अब तक ब्लैक फंगस के 8 हज़ार के करीब मामले दर्ज किए जा चुके हैं। बतां दें कि यह बीमारी न केवल मरीजों के आंख, नाक और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा रही है बल्कि यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो रही हैं। इसे लेकर शोध भी किए जा रहे हैं। वहीं अब इसे लेकर विशेषज्ञों ने एक नई जानकारी सांझा की हैं।
ब्लैक फंगस सबसे पहले नाक पर करता है अटैक-
ब्लैक फंगस की तेजी से फैलती बीमारी को लेकर मैक्स हेल्थकेयर के इंटरनल मेडिसिन विभाग में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. निशेष जैन के अनुसार, ब्लैक फंगस मास्क के जरिए भी फैल रहा है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि ब्लैक फंगस सीधे आंखों को नहीं नुकसान पहुंचाता बल्कि नाक से होते हुए ऊपर पहुंचता है।
इन हिस्सों को डैमेज कर देता है ब्लैक फंगस-
डॉक्टर के अनुसार, ब्लैक फंगस सबसे पहले नाक के माध्यम से साइनस और फिर बढ़ते हुए आंख और मस्तिष्क तक पहुंचता है। जो धीरे-धीरे शरीर के इन हिस्सों को डैमेज कर देता है और मरीज की मौत हो जाती है।
लगातार एक ही मास्क पहनना ब्लैक फंगस को न्योता देना है-
चूंकि यह नाक के जरिए आंख और मस्तिष्क तक पहुंच रहा है ऐसे में मास्क भी शक के घेरे में आ रहा है। कई विशेषज्ञों ने लोगों के मास्क की माइक्रोस्कोप से की गई जांच में पाया है कि ज्यादा दिन तक लगातार एक ही मास्क पहनना ब्लैक फंगस को न्योता दे सकता है।
मास्क में लगा फंगस बेहद सूक्ष्म होता है-
डॉक्टर के अनुसार, एक ही मास्क को बिना साफ किए ज्यादा दिन पहनने के बाद उसमें फंगस आने लगता है और वह इतना सूक्ष्म होता है कि आंखों से दिखाई भी नहीं देता। इसके लिए माइक्रोस्कोप ही चाहिए होता है। लिहाजा अनुमान लगाया जा रहा है कि मास्क भी ब्लैक फंगस का कारण हो सकता है।
मास्क को लेकर डॉक्टर ने इन सावधानियों को बरतने की दी सलाह-
डॉक्टर के अनुसार, एक ही मास्क को कई-कई दिन तक पहनना ठीक नहीं है। यह कोरोना के बाद ब्लैक फंगस की बीमारी को भी फैला रही है। ऐसे में मास्क को बदलते रहना चाहिए। फिर चाहे एन 95 मास्क हो या काॅटन के कपड़े का मास्क का हो। वहीं सर्जिकल मास्क को भी रिपीट करना खतरनाक है। लिहाजा साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा।
मास्क के अलावा इन बातों का भी रखें ध्यान-
मास्क के अलावा जब भी आप किसी वस्तु और व्यक्ति के संपर्क में आएं तो उसके तुरंत बाद हाथों को सैनिटाइज़र, साबुन या हैंड वॉश से धोएं । इसके अलावा जो व्यक्ति छींक या खांसी से ग्रसित हो, उसे दूरी बनाकर रखें।
गलती से भी न करें ये गलती-
अगर आपने कहीं बाहर लोगों से हाथ मिलाया है तो कोशिश करें कि अपने मुंह पर हाथ न लगाएं। यदि आप मुंह, आंख, कान, नाक आदि पर हाथ लगाएंगे और आपके हाथ में कीटाणु मौजूद हैं तो वो आपकी नाक द्वारा आपकी सांसों में चले जाएगा, जिससे संक्रमित होने का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए ध्यान रखें कि जब भी कहीं बाहर से लौटें तो फौरन किसी साबुन, हैंड वॉश से हाथ धो लें।