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घर की इस दिशा के स्वामी माने जाते हैं शनि देव,यहां बिल्कुल भी न करें ऐसी गलतियां

  • Edited By palak,
  • Updated: 10 May, 2024 04:13 PM
घर की इस दिशा के स्वामी माने जाते हैं शनि देव,यहां  बिल्कुल भी न करें ऐसी गलतियां

शनि देव को कर्मफल दाता कहा जाता है। वह व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार अच्छा और बुरा फल देते हैं। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि देव की स्थिति अच्छी न हो तो उसे जीवन में कई तरह की परेशानियों से भी जूझना पड़ता है, लेकिन वहीं इसके विपरित यदि कुंडली में शनि अच्छी स्थिति में हों तो व्यक्ति को हर तरह की सुख-सुविधा, ऐशोआराम और धन-दौलत मिलती है। वहीं वास्तु शास्त्र की मानें तो शनि देव को पश्चिम दिशा का स्वामी माना जाता है। ऐसे में यदि घर की इस दिशा से जुड़े नियमों का ध्यान रखा जाए तो शनिदेव की कृपा बरसती है। आइए जानते हैं इन नियमों के बारे में। 

पश्चिम दिशा को रखें साफ 

पश्चिम दिशा को शनि देव का स्थान माना जाता है। ऐसे में इस जगह को हमेशा साफ-सुथरा ही रखें। इस दिशा में गंदगी होने पर शनि देव नाराज हो सकते हैं और आपको परेशानियों से जूझना पड़ सकता है।

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खुली रखें यह दिशा 

घर की इस दिशा का हिस्सा खुला ही होना चाहिए। इस दिशा को बंद करके रखने से घर के सदस्यों को मानसिक तनाव से जूझना पड़ सकता है। ऐसे में कोशिश करें कि इस दिशा का यह हिस्सा खुला ही रखें।  

शनि यंत्र 

यदि घर की पश्चिम दिशा में कोई वास्तु दोष है तो यहां पर शनि यंत्र लगाएं। यहां पर शनि यंत्र लगाने से वास्तु दोष खत्म हो जाता है।  

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मुख्य द्वार 

घर की इस दिशा में मुख्य द्वार भी नहीं होना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार, इस ओर दरवाजा होने से नेगेटिव एनर्जी का संचार होने लगता है।

रसोई घर 

वास्तु शास्त्र की मानें तो पश्चिम दिशा में कभी भी रसोई घर नहीं बनवाना चाहिए। यहां पर रसोई घर होने से व्यक्ति को जीवन में आर्थिक तंगी और कलह-कलेश से जूझना पड़ सकता है। 

बेडरुम 

इस दिशा में कभी भी बेडरुम भी नहीं होना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार, यहां बना बेडरुम आजीविका और पति-पत्नी के रिश्तों पर असर डालता है। ऐसे में कोशिश करें कि बेडरुम इस दिशा में न बनवाएं।

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टूटा-फूटा फर्नीचर 

यहां पर कभी भी टूटा-फूटा फर्नीचर नहीं रखना चाहिए। इस दिशा में टूटा-फूटा फर्नीचर रखने से घर में दरिद्रता आती है और जीवन में नेगेटिविटी का आगमन होता है। 

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