वास्तु शास्त्र में घर से जुड़ी हर चीजों के कुछ नियम बताए गए हैं। फिर चाहे वो रसोई हो, बाथरुम हो या फिर बेडरुम। बाथरुम में कौन सी चीज कहां पर होनी चाहिए इसके बारे में भी इस शास्त्र में उल्लेख किया गया है। इस शास्त्र के अनुसार, यहां पर कुछ चीजें रखने से दरिद्रता आती हैं जिससे घर में वास्तु दोष लगता है। वास्तु दोष का असर घर में रहने वाले सदस्यों और उनके कारोबार पर भी पड़ता है। मान्यताओं के मुताबिक, यह घर का एक ऐसा स्थान है यहां पर नेगेटिव एनर्जी ज्यादा होती है। इसलिए यहां पर कुछ बातों का ध्यान रखना जरुरी है। तो चलिए आपको बताते हैं इससे जुड़े वास्तु नियम...
यहां नहीं होना चाहिए बाथरुम?
बाथरुम कभी भी उत्तर-पूर्व दिशा या फिर उत्तर दिशा में नहीं बनवाना चाहिए। इन दोनों दिशाओं में बाथरुम बनाने से धन की हानि होती है और घर में नेगेटिव एनर्जी बढ़ती है।
न रखें तांबा
इसके अलावा यहां पर कोई भी तांबे की चीज नहीं रखनी चाहिए क्योंकि तांबे को एक शुद्ध धातु माना जाता है। इसका इस्तेमाल देवी-देवताओं की पूजा में किया जाता है। इसलिए यहां पर भूलकर भी इससे बनी चीज नहीं रखनी चाहिए।
ऐसा नल
वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि बाथरुम के नल से थोड़ा भी पानी टपकता है तो इसे बहुत ही अशुभ माना जाता है। ऐसे नल से पानी टपकने के कारण घर में धन की हानि होने लगती है और घर में पैसे के खर्चे बढ़ने लगते हैं।
न रखें पौधे
यहां पर कभी भी पौधे नहीं रखने चाहिए। बाथरुम में पौधे रखने से यह जल्दी खराब हो जाते हैं जिसके कारण घर में वास्तु दोष बढ़ने लगता है।
टूटी हुई चप्पल
बाथरुम में टूटी हुई चप्पल भी रखनी अशुभ मानी जाती है। टूटी हुई चप्पल घर में नेगेटिव एनर्जी लेकर आती है यहां पर इसे रखने से नेगेटिविटी बढ़ती है।
टूटा हुआ शीशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, बाथरुम में टूटा हुआ शीशा भी लगाना शुभ नहीं माना जाता है। इससे घर में दरिद्रता आती है और सदस्यों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।