वास्तु शास्त्र में घर से जुड़ी हर चीज के खास नियम बताए गए हैं। मान्यताओं के अनुसार, यदि इनका पालन पूरे नियमों के अनुसार किया जाए तो घर में पॉजिटिविटी का संचार होता है और खुशहाली रहती है। वहीं इसके विपरित जिस घर में इनका पालन न किया जाए वहां कलेश, विवाद और तनाव का माहौल रहता है। इस शास्त्र में घर के हर कोने के कुछ खास वास्तु रुल्स बताए गए हैं। कोनों की बात करें तो उसमें घर की बेसमेंट भी आती है। घर की बेसमेंट कौन सी दिशा में होनी चाहिए और यहां पर किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। आज आपको इसके बारे में बताएंगे आइए जानते हैं.....
कहां होनी चाहिए बेसमेंट?
वास्तु मान्यताओं के अनुसार, यह प्लॉट के पूर्व दिशा या फिर ईशान कोणे में होनी चाहिए। इन दोनों दिशाओं में इसे बनाने से घर में सौभाग्य आता है क्योंकि इस दिशा से सूर्य की रोशनी आती है जो पॉजिटिविटी का संचार करके नेगेटिव एनर्जी दूर करती है। परंतु कभी भी बेसमेंट दक्षिण-पश्चिम दिशा में नहीं बनवानी चाहिए इससे आर्थिक नुकसान हो सकता है।
यहां हो सीढ़ियां
बेसमेंट में अंदर जाने की सीढ़ियां पूर्व और उत्तर दिशा में होनी शुभ मानी जाती हैं। ऐसे में यदि आप बेसमेंट बनवाने वाले हैं तो सीढ़ियों की निर्माण इसी दिशा में करवाएं।
एरोमेटिक चीजें रखें
यहां पर एरोमेटिक चीजें रखना शुभ मानी जाती है। इससे घर और जीवन दोनों में पॉजिटिविटी आती है। चंदन, गुलाब का स्प्रे, धूप यहां पर रखें इन चीजों को यहां पर रखने से पॉजिटिविटी एनर्जी का संचार होगा।
कौन सा कलर रहेगा शुभ?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, यहां पर पॉजिटिविटी का संचार बढ़ाने के लिए सफेद, हल्का, पीला, हरा या गुलाबी रंग का पेंट करवाना चाहिए। इसके अलावा नेगेटिविटी से बचने के लिए यहां पर कभी भी गहरे रंग इस्तेमाल न करें।
साफ-सुथरी रखें
मान्यताओं के अनुसार, यहां पर तहखाने का सामान स्टोर किया जा सकता है इसका इस्तेमाल गोदाम के रुप में भी किया जा सकता है। परंतु इसको हमेशा साफ-सुथरा रखें इससे नेगेटिविटी का यहां पर वास नहीं होगा। यहां पर कोई पिलर या कॉलम होना भी शुभ नहीं माना जाता है।