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एक या दो नहीं, 5 तरह के होते हैं Pigmentation, हर किसी का है अलग इलाज

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 02 Oct, 2020 10:14 AM
एक या दो नहीं, 5 तरह के होते हैं Pigmentation, हर किसी का है अलग इलाज

चेहरे पर काले रंग के छोटे-छोटे धब्बे यानि पिग्मेंटेशन स्पॉट देखने में बहुत भद्दे लगते हैं। आपने देखा होगा कि हर किसी को अलग-अलग तरह पिग्मेंटेशन स्पॉट्स होते हैं लेकिन लड़कियां हर स्पॉट्स के लिए एक ही इलाज कर लेती हैं, जोकि गलत है। चेहरे पर किस तरह के पिग्मेंटेशन हुए हैं ये जानने के बाद ही उसका इलाज करना सही है। इससे आपकी पिग्मेंटेशन की समस्या जल्दी ठीक होगी और बार-बार इसका सामना भी नहीं करना पड़ेगा।

 

क्‍यों होती है पिग्मेंटेशन की समस्या?

पिग्मेंटेशन/हाईपर पिग्मेंटेशन त्‍वचा की एक सामान्‍य समस्‍या है। इस समस्‍या में मेलानिन का स्‍तर बढ़ने के कारण त्‍वचा का कुछ हिस्‍सा सामान्‍य से गहरा रंग का हो जाता है। इसके अलावा कई बार त्‍वचा पर धब्‍बे भी पड़ जाते हैं। आमतौर पर यह समस्‍या कोई हान‍ि नहीं पहुंचाती लेकिन यह स्पॉट देखने में बहुत भद्दे लगते हैं।

चलिए अब हम आपको बताते हैं कि पिग्मेंटेशन कितने तरह के होते हैं और उसका इलाज कैसे किया जा सकता है।

सोलर लेंटिजाइन (Solar Lentigines)

इसे लिवर या सन स्पॉट भी कहा जाता है और यह शरीर के किसी भी हिस्से में  हो सकते हैं। हल्के भूरे से काले रंग के ये धब्बे यूवी सन एक्सपोजर के कारण होते हैं और डिग्री इस बात पर निर्भर करती है कि ये मेलेनिन पिगमेंट कितना यूवी प्रकाश के संपर्क में आते हैं। अगर समय रहते इसका इलाज ना किया जाए तो यह कैंसर का रूप भी ले सकते हैं।

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कैसे करें इलाज?

अगर समस्या ज्यादा है तो आप डॉक्टरी सलाह ले सकते हैं। इसके अलावा नींबू के रस से भी इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके लिए नींबू के रस को 10-15 मिनट चेहरे पर लगाएं और फिर पानी से साफ कर लें। नियमित रूप से ऐसा करने पर आपकी समस्या दूर हो जाएगी।

मेलस्मा (Melasma)

मेलस्मा या क्लोस्मा ऐसा पिग्मेंटेशन प्रकार है, जो त्वचा की डर्मिस में अधिक गहरा होता है। यह चेहरे पर एक गैर-अलग सीमा के साथ बड़े भूरे रंग के पैच के रूप में दिखाई देता है। यह समस्या अक्सर हार्मोनल बदलाव, सूरज की यूवी किरणों, गर्भावस्था और तनाव के कारण होती है।

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कैसे करें इलाज?

औषधीय गुणों से भरपूर हल्दी से आप मेल्स्मा पिग्मेंटेशन से छुटकारा पा सकते हैं। इसके लिए हल्दी पाऊडर में दूध मिक्स करके स्पॉट पर लगाएं और 10 मिनट के लिए छोड़ दें। उसके बाद गुनगुने पानी से चेहरा साफ करें। नियमित रूप से इसका इस्तेमाल करने पर आप खुद फर्क देखेंगे।

हाइपरपिगमेंटेशन (Hyperpigmentation)

पोस्ट-इंफ्लेमेटरी हाइपरपिगमेंटेशन की समस्या मुहांसे, जलने, घर्षण (Friction), क्लीनिंग ट्रीटमेंट जैसे केमिकल पील (Chemical Peels), डर्माब्रेशन (Dermabrasion), लेज़र (Laser) आईपीएल (IPL Treatment) के कारण हो सकती है।

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कैसे करें इलाज?

आलू के रस में थोड़ा-सा टमाटर का रस मिलाकर अपने चेहरे पर लगाएं। जब ये सूख जाए तो अपने चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें। आलू में भरपूर मात्रा के स्किन व्हाइटनिंग प्रॉपर्टीज मौजूद होती है, जो पिगमेंटेशन स्पॉट्स को दूर करने में मदद करती है।

झाइयां (Pigmentation)

जिनकी स्किन धूप के संपर्क में ज्यादा रहती हैं उनके चेहरे पर ब्राऊन कलर के यह धब्बे तिल के रूप में पड़ने शुरू हो जाते हैं और कई बार यह कालेपन में भी दिखाई देते हैं। दरअसल, सूरज के पराबैंगनी किरणों से त्वचा में मौजूद मेलानोसाइट सक्रिय हो जाते हैं, जिसके कारण झाइयां पड़ने लगती है।

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कैसे करें इलाज?

पुदीनों के पत्तों को पके हुए केले के साथ मिक्स करके झाइयों पर लगाएं। आप अकेले पुदीना के पत्ते पीसकर भी झाइयों पर लगाएं तो फर्क दिखेगा। इसे 10 मिनट लगाकर रखें फिर मुंह धो लें।

फ्रीकल्स (Freckles)

पिग्मेंटेशन का सबसे आम प्रकार है एप्लाइड्स, या फ्रीकल्स। ये सूर्य के प्रकाश के बार-बार संपर्क के बाद विकसित होते हैं, खासकर अगर आपका कॉम्प्लेक्शन फेयर है। इसके अलावा फ्रीकल्स की समस्या जनेटिक कारण से भी हो सकती है।

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कैसे करें इलाज?

ज्यादातर मामलों में फ्रेकल्स हानिरहित होते हैं और कॉस्मेटिक कारणों को छोड दें तो इनका उपचार आवश्यक नहीं होता। इसके आलावा कम से कम 30 एसपीएफ वाली सनस्क्रीन यूज करें, ताकि आपकी स्किन सूरज की हानिकारक किरणों से बची रहे।

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