गणतंत्र दिवस के मौके पर श्रीनगर के लाल चौक का नजारा कुछ अलग था। आजादी के बाद पहली बार 26 जनवरी के दिन यहां घंटाघर के ऊपर देश का तिरंगा झंडा फहराया गया 30 साल पहले भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी ने लाल चौक स्थित ऐतिहासिक घंटाघर (क्लाक टावर) पर वर्ष 1992 में सबसे पहले तिरंगा फहराया था।
1992 में फहराया गया था तिरंगा
सामाजिक कार्यकर्ता साजिद यूसुफ शाह और साहिल बशीर भट की वजह से देश को यह गौरव हासिल हुआ। दर्जनों समर्थकों के साथ क्लाक टावर पर ध्वजारोहण समारोह का अयोजन किया था। इस टावर के शीर्ष तक ध्वज को पहुंचाने के लिए कार्यकर्ताओं ने क्रेन युक्त सीढ़ी का इस्तेमाल किया। समारोह में कश्मीर मार्शल आर्ट अकादमी के युवा खिलाड़ियों ने भी भाग लिया।
चारों तरफ लहराए गए तिरंगे
टावर के चारों तरफ सैकड़ों पुलिसकर्मियों और अर्द्धसैनिकों की सुरक्षा के बीच प्रतिभागियों ने देशभक्ति वाले गानों पर नृत्य किया। प्रताप पार्क और इकबाल पार्क सहित शहर के अन्य इलाकों और सार्वजनिक पार्क में हजारों तिरंगे लहरा रहे थे। यह पहली बार है जब शहर में इतनी बड़ी संख्या में राष्ट्रीय ध्वज फहराए गए।
साजिद यूसुफ ने जारी किया वीडियो
साजिद यूसुफ शाह लाल चौक में ध्वजारोहण का वीडियो शेयर करते हुए लिखा- , 'हम कई बार फेल हुए लेकिन 73वें गणतंत्र दिवस पर हमने कर दिखाया। श्रीनगर के लाल चौक स्थित घंटाघर के टॉप पर ध्वजारोहण किया।' वह सामाजिक कार्यकर्ता के साथ-साथ, यूथ आइकन, वकील और स्थानीय न्यूज वेबसाइट के संस्थापक हैं। कुपवाड़ा में पैदा हुए साजिद ने बहुत छोटी उम्र में अपनी मां को आतंकी हमले में खो दिया था। तबसे लेकर अब तक का उनका सफर घाटी में आतंकी पीड़ितों के लिए प्रेरणादायक है