टमाटर के दामों में पिछले कुछ दिनों से बेहद उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है। जिस टमाटर ने कभी गृहिणियों के किचन का बजट बिगाड़ दिया था अब वह कौड़ी के दाम पर बिक रहा है। पिछले कुछ समय से टमाटर के भाव गिर चुके हैं। वहीं प्याज का भी कुछ ऐसा ही हाल है। दरअसल प्याज और टमाटर भारतीय रसोई में इस्तेमाल होने वाले दो प्रमुख खाद्य पदार्थ हैं।
सवा दो रुपये प्रति किलो बिक रहे टमाटर
टमाटर का हाल यह हो गया है कि कर्नाटक के कोलार जिले में किसान सिर्फ सवा दो रुपये प्रति किलो के हिसाब से टमाटर बेच रहे हैं तो वहीं आंध्र प्रदेश के वायलपाडु मंडी में किसान सिर्फ 6 से 8 रूपये किलो के रेट पर टमाटर बेचने के लिए मजबूर हैं। इसके अलावा दिल्ली की आजादपुर मंडी में टमाटर का न्यूनतम भाव 4 और अधिकतम 26 रुपये रहा।
किसान बेहद परेशान
एक रिपोर्ट के मुताबिक एक एकड़ टमाटर की फसल तैयार करने में 75,000 रुपये खर्च होता है। अगर मंडी में 15 रुपये किलो टमाटर बिके तो किसान की लागत पूरी होती है। लेकिन मंडी में अब कोई व्यापारी टमाटर खरीदने को ही तैयार नहीं है, इसलिए किसानों के पास इसे डंप करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
कभी 100 रुपये प्रति किलो बिक रहा था टमाटर
याद हो कि जून के पहले सप्ताह में टमाटर की कीमत 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थी। उपभोक्ता मंत्रालय ने बताया कि टमाटर के भाव एक महीने में ही करीब एक तिहाई नीचे आ गए, जबकि प्याज के दाम पिछले साल के मुकाबले 9 फीसदी सस्ते हो गए हैं। आने वाले समय में भी प्याज के दाम नियंत्रण में रहे इसके लिए सरकार ने अभी से तैयारी कर ली है।
स्टॉक किया गया प्याज
मंत्रालय की ओर से यह भी कहा गया है कि इस साल प्याज के इस बफर स्टॉक का इस्तेमाल अगस्त से दिसंबर महीने के दौरान बाजार में प्याज की कीमतों को स्थिर रखने के लिए किया जाएगा। बता दें कि हर साल अगस्त से दिसंबर महीने के बीच देश की मंडियों में प्याज की कीमतों में अलग-अलग कारणों से उछाल देखने को मिलता है। उम्मीद है कि इस बार ऐसा नहीं होगा।