पेरेंट्स बनना दुनिया का एक खूबसूरत एहसास माना जाता है। मगर यह अपने साथ कई जिम्मेदारियां भी लेकर आता है। वहीं दूसरा बेबी प्लान करने पर तो यह जिम्मदारी और भी बढ़ जाती है। आमतौर पर लोग दूसरा बेबी प्लान करने दोनों बच्चों में 3 से 5 साल का गैप डालते हैं। मगर उस समय बच्चा बहुत छोटा होता है। इसतरह घर में नया बेबी आने पर पहले वाला बच्चा खुद को असुरक्षित महसूस करने लगता है।
कई बच्चों के मन में बात आती है कि नए बेबी के कारण पेरेंट्स के प्यार में उसके प्रति कमी आ जाएगी। ऐसे में अगर आप भी इसी परेशानी से जूझ रहे हैं तो आज हम आपको कुछ खास टिप्स बताते हैं। ऐसे में आप अपने बच्चे का उसके आने वाले भाई या बहन के साथ रिश्ता मजबूत कर सकते हैं।
खरीदारी पर साथ लेकर जाएं
दूसरे बच्चे के दुनिया में आने से पहले उसके जरूरत का सामान खरीदें। इसके लिए आप अपने पहले बच्चे को साथ लेकर जाएं। इससे आपके बच्चे को एहसास होगा कि अब वह बड़ा हो गया है यानि उससे कोई छोटा घर में आने वाला है। साथ ही उसे अपने छोटे भाई या बहन के लिए छोटे-छोटे कपड़े, कमरे की सजावट व खिलौने की शॉपिंग करने में मजा भी आएगे।
अपने बच्चे महसूस करवाएं
प्रेगनेंसी के कुछ महीनों बाद महिलाओं को पेट में बच्चे की हलचल महसूस होती है। ऐसे में उस दौरान अपने बच्चे का हाथ अपने पेट पर रखकर उसे भी इस पल का एहसास करवाएं। आप उसके बेबी से बातें भी करवा सकती है। इससे आपके बच्चे की आने वाले शिशु के साथ लगाव होगा।
उसे बातों द्वारा समझाएं
अक्सर दूसरे शिशु के आने से पहले वाले बच्चे खुद में असुरक्षित महसूस करने लगते हैं। उनके मन में आता है कि कहीं नए बेबी के आने से उसे कम प्यार व केयर मिलेगी। ऐसे में पेंरेट्स का फर्ज बनता है कि वे बच्चे के मन में ऐसी बाते ना आने दें। वे उन्हें समझाएं कि नए बेबी के आने पर भी आपका प्यार उनके प्रति कम नहीं होग। आप चाहों तो इसके लिए उसे रोजाना कुछ देर के लिए बाहर घुमाने ले जा सकते हैं।
उसे डॉक्टर के पास ले जाए
आप अपना चैकअप करवाने पर बच्चे को डॉक्टर के पास लेकर जाए। इसतरह उसे मॉनिटर पर अपने अजन्मे बच्चे को देखने दें और दिल की धड़कने सुनाएं। ऐसे में वह अपने भाई या बहन से मिलने के लिए खुश और उत्साहित होगा
बच्चे की देखभाल का पहले से रखें ध्यान
दूसरे बेबी को जन्म देने से पहले इस बात की प्लानिंग कर ले आपके बच्चे की देखभाल में कोई कमी ना रहे। असल में, डिलीवरी के समय मां के अस्पताल में होने से बच्चे घर पर उदास हो जाते हैं। ऐसे में बच्चे को उसके पास रखें जिससे उसकी खूब बनती हो। साथ ही अस्पताल से घर आने पर अपने बच्चे को जोर से गले लगाकर प्यार करें। उसे नए बेबी से मिलाएं।
पहले आउटिंग प्लान बनाएं
वहीं नवजात शिशु के शुरुआती समय में खास देखभाल की जरूरत होती है। इसके अलावा महिलाओं को भी डिलीवरी के बाद सेहत का ध्यान रखने की जरूरत होती है। इसलिए अपने बच्चे को परिवार के सदस्यों या करीबी दोस्तों के साथ एक समय बिताने दें। आप उसे दादी, चाची, मौसी के पास रहने दे सकती है।
न्यू बॉर्न बेबी के कामों में मदद लें
आप बच्चे से नवजात की देखभाल में मदद ले सकती है। आप उसकी बेबी को लोशन लगाने, कपड़े पहनने व सुलाने में मदद ले। इससे उसकी अपन छोटे भाई या बहन से अच्छी बॉडिंग होगी। साथ ही व आपके साथ भी रहेगा।
कुछ अकेले समय बिताएं
नवजात शिशु दिनभर में कई घंटे सोता है। ऐसे में आप उसके सोने के दौरान अपने बच्चे के साथ समय बीता सकती है। इससे उसे अच्छा लगेगा और ऐसा भी महसूस नहीं होगा कि नए बेबी के आने से पेरेंट्स का प्यार बंट रहा है।
नवजात ही नहीं बड़े बच्चे के लिए भी उपहार लें
नवजात शिशु को घरवालों व आपके मित्रों से खूब गिफ्ट्स मिलते हैं। ऐसे में आप खुद उसके लिए कोई गिफ्ट खरीद सकती है। इससे आपके बच्चे को अच्छा लगेगा। आप चाहे तो दोनों बच्चों के लिए एक जैसे कपड़े ले सकते हैं।