लंबे समय से बच्चों को पैरेंट्स को पैसे रखने के लिए पिगी बैंक या गुल्लक देते आए हैं ताकि वो पैसे जमा करना सिखें। इसके पीछे का मकसद बच्चों को पैसे की वैल्यू सिखाना है ताकि वो भविष्य में आर्थिक रूप से कभी कमजोर न हों। हालांकि ज्यादातर बच्चे इसे गंभीरता से नहीं लेते और पिग्गी बैंक को बस एक खेल के तौर पर देखते हैं। जरूरी है बच्चों के दिमाग में ये बात शुरुआत से ही डाली जाए। डेनमार्क की सरकार इस विषय को गंभीरता से ले भी रहे हैं। ये ही वजह है कि उन्होंने अपने देश में स्कूल में 13-15 साल के बच्चों के लिए financial education को बहुत जरूरी बनाया हुआ है। इसमें बजट बनाना, बचत, बैंकिंग, उपभोक्ता अधिकार और बहुत कुछ शामिल है। आपको जानकर हैरानी होगी ये कि प्रोगाम 2015 से डेनमार्क में लागू है और इससे देश में financial literacy रेट 71% तक बढ़ गया है।
क्या है ये प्रोगाम?
इस financial education को डेनिश मनी वीक प्रोगाम से नाम से चलाया जा रहा है। हर साल, 700 स्कूलों के 20,000 छात्र डेनिश मनी वीक में भाग लेते हैं, जहां वित्तीय क्षेत्र ( financial Sector) के पेशेवर वित्तीय ज्ञान के महत्व पर प्रकाश डालने के लिए क्लास में आते हैं। डेनमार्क के अलावा सिंगापुर और New Zealand में भी बच्चों को पैसों का महत्व समझाने के लिए खास प्रोगाम बनाएं जा रहे हैं। लेकिन लेकिन अगर आप इन देशों में से नहीं है तो इन टिप्स की मदद से बच्चों को मनी मैनेजमेंट सीखा सकते हैं।
- बच्चों को जरूरत से ज्यादा पैसे देना सही नहीं है। इससे उन्हें पैसे की वैल्यू नहीं होगी।
- साइकल या फोन तो आजकल सभी बच्चों को पसंद होता है। लेकिन उसके लिए आप खुद पैसे खर्च न करें। उन्हें हर महीने पॉकेट मनी दें और सेविंग करके खुद खरीदने को कहें।
- जब रिश्तेदार बच्चों को कैश देता है तो उसे सेव करने को कहें और अपनी तरफ से थोड़ा सा पैसा देकर उसे बढ़ने को कहें।
- अगर हर महीने आपको बच्चा पैसा बचाने में कामयाब होता है तो अपनी तरफ से थोड़ा सा उन्हें बॉन्स दें। इससे वो खुश होकर और ज्यादा सेव करेंगे। इससे उन्हें बैंकिंग और interest के बारे में भी पता चलेगा।
- बच्चों के साथ खेलते समय टास्क करवाएं, जिनको पूरा करने पर आप उन्हें कैश दें। इससे उन्हें पैसों का महत्व समझ आएगा।