हर कोई जानता है कि घर ही बच्चे का सबसे पहला स्कूल होता है। ऐसे में बहुत से पेरेंट्स बच्चे को स्कूल भेजने से पहले घर पर उसे प्राइमरी शिक्षा देना शुरु कर देते हैं। इससे वे बहुत सी जरूरी बातों को समझने व सीखने में सक्षम होता है। ऐसे में अगर आपका बच्चा भी 2 या 3 साल हो गया है तो आप घर पर ही उसे प्राथमिक शिक्षा दे सकते हैं। इससे स्कूल जाने से पहले उसका ज्ञान और आत्मविश्वास बढ़ेगा। इसके साथ ही उसका पढ़ाई में मन लगेगा। चलिए जानते हैं इससे जुड़े कुछ जरूरी टिप्स...
बच्चे को घर पर पढ़ाने की प्रक्रिया ऐसे करें शुरू
बच्चे को पढ़ाने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले आपको खुद ही बॉडी लैंग्वेज यूज करनी पड़ेगी। बच्चे को चीजें समझाते व सीखाते समय उसके मेंटल लेवल का ध्यान रखें। उसे उतना ही ज्ञान दें जितना वे समझ सके। बच्चे के सामने चीजों को बार-बार दोहराने से वे जल्दी सीखते हैं। इसके साथ ही उन्हें लंबे समय तक चीजें याद रहती है। इस बात का ध्यान रखें कि आपको बच्चे को आसान भाषा में ही जानकारी देनी है। इससे वे चीजों को जल्दी ही समझ जाएंगे। चलिए अब जानते हैं घर पर बच्चे को पढ़ाने के कुछ खास टिप्स...
खेल से करें बच्चे को पढ़ाने की शुरुआत
आप बच्चे को पढ़ाने की शुरूआत खेल से कर सकते हैं। बच्चों का खेल में अधिक ध्यान होता है। ऐसे में वे इसके जरिए जल्दी ही सीख सकते हैं। आप इसतरह बच्चे को पढ़ाने के लिए कुछ देर के लिए इलैक्ट्रोनिक गैजेट्स यूज कर सकती है। हफ्ते में 1 दिन टीवी या मोबाइल के जरिए बच्चे को पढ़ाना सही रहेगा। इससे ज्यादा इलैक्ट्रोनिक गैजेट्स का सहारा ना लें। नहीं तो इससे बच्चे की आंखों पर बुरा असर पड़ सकता है। इसके साथ ही बच्चे को इसकी आदत हो सकती है जो कि गलत है।
बच्चे को अलग-अलग एक्टिविटीज करवाएं
बच्चे का पढ़ाई में मन लगाने के लिए उससे अलग-अलग एक्टिविटीज करवाएं। छोटे बच्चे कलरफुल चीजों से जल्दी ही आकर्षित हो जाते हैं। ऐसे में आप उन्हें कलरफुल पिक्चर से अलग-अलग चीजें समझा सकते हैं। इस उम्र में बच्चे प्रैक्टिकल नजर आने वाली चीजों को जल्दी समझते हैं। ऐसे में आप उन्होंने अलग-अलग चीजों के बारे में समझाने के लिए गाने, एक्शन या चित्र का सहारा ले सकते हैं।
बच्चे की जिज्ञासा शांत करें
छोटे बच्चे के दिमाग में कई तरह के सवाल होते हैं। ऐसे में भले ही उनका सवाल अजीब हो मगर उसे टालने की जगह उसका जवाब देने की कोशिश करें। अगर आप बच्चे की जिज्ञासा शांत करेंगे तो उनका पढ़ाई में मन लगेगा। इसके अलावा अगर बच्चा सवाल पूछने पर झिझक महसूस करें तो उससे बात से बात करें। इसके साथ ही उनके सभी सवालों को सही से समझकर उसका जवाब दें।
समय सीमा एक ही रखें
अगर आप बच्चे की प्राइमरी शिक्षा शुरू करने जा रहे हैं तो सबसे पहले एक समय सीमा निर्धारित करें। उसके लिए पढञने, खेलने, सोने, खाने आदि का एक समय तय करें। अगर आप बच्चे को जबरन पढ़ने के लिए कहेंगे तो वे आपकी बात कभी नहीं मानेंगे। इसके अलावा वे और भी जिद्द कर सकते हैं। इसलिए उन्हें पढ़ाई के लिए फोर्स ना करें। इसके अलावा लंबे समय तक बच्चे को ना पढ़ाएं। असल में, शुरुआत में पढ़ाई करने से बच्चे को कई मुश्किलें आती है। इसलिए आप इसे इसपर गैप जरूर दें। इसके अलावा हर बच्चे की सीखने व समझने की क्षमता अलग होती है। इसलिए उसके चीजों को लेट समझने पर डांटे ना। उनकी बातों व मन को समझते हुए उसे पढ़ाएं।
बच्चे को बाहर की सैर भी करवाएं
बच्चे को किताबी ज्ञान ही ना दें बल्कि समय-समय पर उसे बाहर कहीं घुमाने भी ले जाएं। दरअसल, छोटे बच्चे अपने आसपास की चीजों को देखकर सिखते हैं। इसलिए आप उन्हें जू, गॉर्डन, म्यूजियम आदि जगहों पर ले जाएं। इससे उनका मन भी बहल जाएगा और बहुत कुछ नया सिखने को भी मिलेगा।
खेल-खेल में पढ़ाएं
बच्चे खेल-खेल में चीजें जल्दी सिखते हैं। इसलिए आप उन्हें खेल-खेल में गिनती और अक्षर की पहचान व उसे याद करना सिखाएं। आप बार-बार कविता गाकर उसे वह भी याद करवा सकते हैं। इससे उन्हें अक्षर समझने और नंबर की पहचानने में आसानी होगी। इसके साथ ही वे जल्दी ही कविता याद कर देंगे।
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