गर्भाव्यस्था में महिलाओं को अपनी डेली रुटीन व डाइट का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। असल में, इस दौरान महिलाओं की इम्यूनिटी कमजोर होती है। ऐसे में बीमारियों की चपेट में आने का खतरा भी अधिक होता है। इसके साथ ही इससे गर्भ में पल रहे शिशु के विकास में भी बाधा आ सकती है। ऐसे में आज हम कुछ खास टिप्स बताते हैं, जिसकी मदद से प्रेगनेंट महिलाओं को इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
प्रोटीन व कैल्शियम से भरपूर प्रोडक्ट्स
बेहतर शारीरिक विकास के लिए गर्भवती महिलाओं को प्रोटीन व कैल्शियम की भी जरूरत होती है। इसके लिए डेली डाइट में दाल, फलियां, दही, हरी सब्जियां, डेयरी प्रोडक्ट्स शामिल करें।
विटामिन सी भरपूर चीजें
खाने में अधिक मात्रा में विटामिन सी से भरपूर चीजें खाएं। असल में, इस दौरान महिलाओं को डेली डाइट में 80 से 85 मिली. ग्रा. विटामिन सी होना चाहिए। इससे इम्यूनिटी बढ़ने के साथ खाने में आयरन अवशोषित करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही शरीर में हीमोग्लोबिन का लेवल नॉर्मल रहता है। इसके लिए डेली डाइट में आंवला, संतरे, दही, अमरुद आदि विटामिन सी से भरपूर चीजें शामिल करें।
भरपूर मात्रा में पीएं पानी
रोजाना 2.5 लीटर पानी पीेएं। इससे शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ बाहर निकलेंगे। इसके साथ दिनभर शरीर हाइड्रेटेड रहता है। ऐसे में इम्यूनिटी बढ़ती है और बीमारियों से बचाव रहता है।
लहसुन खाएं
एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस दौरान एक लहसुन की कली को गर्म पानी के साथ खाना चाहिए। इससे इम्यूनिटी बढ़ने के साथ पाचन दुरुस्त रहने में मदद मिलती है। मगर लहसुन की तासीर गर्म होने से इसे खाने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
एक बार में अधिक खाने से बचें
एक बार में अधिक खाने से शरीर में भारीपन महसूस हो सकता है। इसकी जगह पर दिन में 5-6 बार थोड़ा-थोड़ा खाएं। इसके साथ ऑयली व अधिक मसालेदार खाने की जगह पर पोषक तत्वों व एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर चीजें खाएं।
हंसना जरूरी
कहते हैं गर्भावस्था में हंसने से इम्यूनिटी बढ़ने में मदद मिलती है। इससे सेहत व मूड भी सही रहता है। वहीं एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस दौरान अच्छे से गर्भ में पल रहे बच्चे पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में उसका बेहतर शारीरिक विकास होने में मदद मिलती है। इसलिए गर्भावस्था में हंसने से मां और शिशु दोनों की सेहत सही रहती है।
आराम करें
इस दौरान लगातार काम करने स बचें। समय-समय पर आराम करें। इससे मानसिक व शारीरिक तौर पर बेहतर महसूस होता है। साथ ही थकान व कमजोरी दूर होकर एनर्जेटिक फील होता है।
योगा व मेडिटेशन करें
इस दौरान तनाव लेने से मां और शिशु दोनों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इससे शारीरिक के साथ मानसिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में इससे बचने के लिए रोजाना 30 मिनट आसान से योगासन व मेडिटेशन करें। वहीं कोई योगासन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। इसके साथ ही दिनभर बैठे रहने की जगह पर कुछ देर टहलें।