असम में बाढ़ और भूस्खलन के चलते आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त है। यहां दिन प्रतिदिन हालात बिगड़ते जा रहे हैं। इन मुश्किल हालातों में एक महिला आईएएस अधिकारी ने आगे बढ़कर मोर्चा संभाल लिया है। यह बहादुर IAS लोगों की मदद के लिए कीचड़ में घुसने से भी नहीं हिचकिचाई। उनकी इसी हिम्मत की हर कोई तारीफ कर रहा है।
हम बात कर रहे हैं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी कीर्ति जल्ली की जिन्होंने बाकी अफसरों की तरह मीटिंग करने के बजाय बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाकर मदद करने की ठानी। कीर्ति ने असम के कछार जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाकर ना सिर्फ लोगों की परेशानियाें को जाना बल्कि उनकी मदद के लिए हरसंभव कोशिश की।
बताया जा रहा है कि कीर्ति जल्ली नदी के बीचोंबीच टापू पर बसे चेसरी गांव में नाव से पहुंची। इसके बाद वह चप्पल उतारकर कीचड़ से भरे रास्तों से होते हुए अंदर पहुंची और गांव का हाल जाना। आईएएस अधिकारी अवनीश शरण ने उनकी एक तस्वीर भी शेयर की है, जिसमें IAS अधिकारी एक स्थानीय महिला के साथ किचड़ में खड़ी है। एक अन्य तस्वीर में वह नाव पर बैठी दिखाई दे रही है।
कीर्ति की सादगी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब गांव वालों ने पांव धुलवाने के लिए उन्हे साफ पानी दिया तो उन्होंने यह कहकर इंकार कर दिया कि- यह साफ पानी गांव वालों के काम आ जाएगा, बाढ़ के पानी से ही अपने पैर धो लेगी। लोगों की मदद करने के बाद आईएएस अधिकारी ने बताया कि- वहां के लोग 50 वर्षों से ही वो इसी तरह से बाढ़ से परेशान होते चले आ रहे हैं। बतौर अधिकारी वो अपने काम को बेहतरी से करने के लिए ग्राउंड पर गई थीं।
कीर्ति की तस्वीरे सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं, जिसे देख लोग उनके नेक काम की सराहना कर रहे हैं। वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि यह पहला मौका है जब जिले के उपायुक्त उनके गांवों का दौरा कर रहे हैं।