वैज्ञानिकों ने कैंसर से गंभीर रूप से जूझ रहे एक शख्स के इलाज के लए पहली बार कृत्रिम बुद्धिमता (ए.आई) का इस्तेमाल सफलतापूर्वक किया और इससे बीमारी को बढ़ने से पूरी तरह रोक दिया।
शोधकर्ताओं के दल ने स्थायी प्रतिक्रिया वाले नतीजे हासिल करने के लिए हर दवा की बिल्कुल सटीक मात्रा की पहचान के लिए सफलापूर्वक क्यूरेट-ए आई. नाम की कृत्रिम बुद्धिमता प्रणाली का इस्तेमाल किया जिससे मरीज पूरी तरह सामान्य और सक्रिय जीवनशैली को फिर से शुरू करने में सक्षम हो सका। मैटास्टैटिक कैस्ट्रेशन रेसिस्टैंट प्रोस्टेट कैंसर (एम.सी.आर.पी.सी) के एक मरीज को जैड.ई.एन- 3694 और एंडालुटामाइट नाम की दवा के साथ कुछ दूसरी नई दवाएं मिलाकर दी गई। जैड.ई.एन- 3694 अभी प्रायोगिक औषधि है।
नैशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिगांपुर के डीन हो ने कहा कि कैंसर के इलाज में डायनामिक डोजिंग का आमतौर पर इस्तेमाल नहीं होता है। वास्तव में, कैंसर में दवाओं की खुराक में बदलाव आमतौर पर विषाक्तता को घटने के लिए क्या जाता है।
फैशन, ब्यूटी या हैल्थ महिलाओं से जुड़ी हर जानकारी के लिए इंस्टाल करें NARI APP